Advertisement

साइंस न्यूज़

खुशखबरीः कोरोना वैक्सीन की पहली डोज के बाद लोगों की इम्यूनिटी में सात गुना की बढ़ोतरी

aajtak.in
  • लंदन,
  • 27 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 11:09 PM IST
  • 1/10

कोरोना वायरस को लेकर एक अच्छी खबर आई है. जो लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और उन्होंने कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगवा ली है, उनमें कोविड-19 से लड़ने की सात गुना ज्यादा इम्यूनिटी आ जाती है. यानी दोबारा कोरोना होने का खतरा बेहद कम हो जाता है. अगर होता भी है तो उसका असर ज्यादा नहीं होगा. ये खुलासा ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने PITCH नाम की स्टडी में किया है. (फोटोःगेटी)

  • 2/10

ब्रिटेन के वैज्ञानिकों की इस स्टडी में ब्रिटिश सरकार ने फंडिंग की है. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि कोरोना वायरस वैक्सीन की दूसरी डोज में अगर देरी हो तो क्या कोरोना संक्रमित लोगों पर क्या फर्क पड़ेगा. ब्रिटेन में दवा कंपनी फाइजर (Pfizer) ने चेतावनी दी थी कि उनके कोरोना वैक्सीन के दूसरे डोज में देरी होगी तो मरीज पर इसका क्या असर होगा, इसका क्लीनिकल ट्रायल नहीं किया गया है. (फोटोःगेटी)

  • 3/10

इसके बाद ब्रिटेन की सरकार ने फैसला किया कि ये पता किया जाए कि पहले डोज के बाद कितना असर होता है कोरोना संक्रमित मरीज के शरीर में. क्या वैक्सीन की पहली डोज से कोरोना से पर्याप्त सुरक्षा मिलती है. क्योंकि ज्यादातर देशों में कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज दो हफ्ते के अंतराल पर दिए जा रहे हैं. (फोटोःगेटी)

Advertisement
  • 4/10

ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक (Matt Hancock) ने कहा कि PITCH स्टडी बताती है कि कोरोना वैक्सीन लोगों को कोविड-19 के संक्रमण से बचा रही है. क्योंकि प्रयोगशाला में हुई जांच के बाद पता चला कि जिन लोगों को कोरोना संक्रमण हो चुका है. उन्होंने वैक्सीन की पहली डोज ले ली है. तो उनके शरीर में कोरोना से लड़ने की क्षमता सात गुना ज्यादा हो जाएगी. (फोटोःगेटी)

  • 5/10

मैट हैनकॉक ने कहा कि इसके लिए हमारी वैक्सीनेशन स्कीम सफल रही है. यूके में आधे से ज्यादा वयस्क लोगों को वैक्सीन मिल चुकी है. बाकी बचे लोगों को जुलाई के अंत तक वैक्सीन लगा दी जाएगी. वैक्सीन की वजह से UK में हजारों लोगों की जान बची है. वैक्सीन की दूसरी डोज लंबे समय तक कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए कारगर साबित होगी. (फोटोःगेटी)

  • 6/10

मैट हैनकॉक ने देश के लोगों से अपील की है कि वो वैक्सीन की दूसरी डोज जरूर लगवाएं. इस स्टडी से ये बात प्रमाणित होती है कि प्राकृतिक तौर पर हुए कोविड-19 संक्रमण के बाद वैक्सीन की पहली डोज काफी ज्यादा कारगर है. यह लोगों को कोरोना से सुरक्षा प्रदान कर रही है. (फोटोःगेटी)

Advertisement
  • 7/10

फाइजर (Pfizer) की वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद कोरोना संक्रमित लोगों के शरीर में कोविड-19 से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता में 6.8 गुना ज्यादा विकास हुआ है. यानी वो अब इस महामारी से लड़ने के लिए ज्यादा ताकतवर हो गए हैं. अगर दूसरी डोज भी ले ली जाएगी तो लोगों की प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी लंबे समय तक कोरोना से बचाती रहेगी. (फोटोःगेटी)

  • 8/10

जिन लोगों को कोरोना नहीं हुआ और उन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज ले ली है, वो कोरोना के खिलाफ तीन गुना ज्यादा क्षमता विकसित कर चुके हैं. यानी ये बताता है कि वैक्सीन लगने के बाद लोगों की कोरोना से लड़ने की शारीरिक क्षमता में बढ़ोतरी हुई है. इस स्टडी को करने वाले शेफील्ड यूनिवर्सिटी (Sheffield University) के साइंटिस्ट डॉ. थूशान डे-सिल्वा ने कहा कि हमने फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन के पहले, दूसरे और बिना वैक्सीन लगे लोगों की जांच की. (फोटोःगेटी)

  • 9/10

डॉ. सिल्वा ने बताया कि हमारी स्टडी में ये बात खुलकर सामने आई है कि वैक्सीन की पहली डोज लगने के बाद लोगों के शरीर में T Cell और एंटीबॉडी की मात्रा बढ़ी है. कुछ लोगों में T Cell की मात्रा तो कुछ लोगों में एंटीबॉडी की मात्रा में इजाफा हुआ है. क्योंकि ये दोनों ही कोरोनावायरस से इंसान को बचाती हैं. (फोटोःगेटी)

Advertisement
  • 10/10

ब्रिटेन में करीब 3 करोड़ लोगों को वैक्सीन लग चुकी है. NHS के डेटा के अनुसार वैक्सीनेशन की वजह से ब्रिटेन में हजारों लोगों की जान बची है. वो भी पहले डोज के बाद ही. लोगों के शरीर में T Cell का रेसपॉन्स एंटीबॉडी की तुलना में ज्यादा बेहतर है. हालांकि अफ्रीका का कोरोना वैरिएंट अब भी चिंता का विषय बना हुआ है, क्योंकि उसपर वैक्सीन का असर बहुत कम हो रहा है. (फोटोःगेटी)

Advertisement
Advertisement