Advertisement

साइंस न्यूज़

12 महीने में स्विस ग्लेशियरों में भयानक पिघलाव...

आजतक साइंस डेस्क
  • नई दिल्ली,
  • 02 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 11:30 AM IST
  • 1/14

स्विट्जरलैंड के ग्लेशियरों ने पिछले 12 महीनों में अपनी बर्फ का 3% हिस्सा खो दिया है. यह इतिहास में चौथा सबसे बड़ा नुकसान है. ग्लामोस नाम की संस्था ने 1 अक्टूबर 2025 को यह रिपोर्ट जारी की. Photo: AFP

  • 2/14

यह हाइड्रोलॉजिकल साल (अक्टूबर 2024 से सितंबर 2025) की बात है. वैज्ञानिक कहते हैं कि यह जलवायु परिवर्तन का बड़ा संकेत है. इस साल की सर्दी में बर्फ की बारिश बहुत कम हुई. Photo: AFP

  • 3/14

खासकर स्विस आल्प्स के पूर्वोत्तर हिस्से में. स्विट्जरलैंड भर में बर्फ का कमी 13% रही. फिर जून में गर्मी की लहर आई – यह 2003 के बाद दूसरी सबसे गर्म जून थी.  जंगफ्राओजोच (3580 मीटर ऊंचाई) पर तो यह अब तक की सबसे गर्म जून साबित हुआ. Photo: AFP

Advertisement
  • 4/14

अगस्त में भी गर्मी ने कहर बरपाया. नतीजा? ग्लेशियरों का औसत मास बैलेंस –1.6 मीटर वाटर इक्विवेलेंट रहा. यानी बर्फ का इतना हिस्सा पिघला जितना 1.6 मीटर पानी बन जाए. ग्लेशियरों की बर्फ का वॉल्यूम 3% कम हो गया. Photo: AFP

  • 5/14

ग्लामोस के डायरेक्टर मटियास हुस कहते हैं कि यह वाकई बहुत ज्यादा है. ग्लेशियरों पर मापा गया यह नुकसान 20 जगहों पर किया गया. यह नुकसान 2022 (5.9%) और 2023 (4.4%) जितना बुरा नहीं था. लेकिन 2010-2020 के औसत से ज्यादा खराब है. Photos: AFP

  • 6/14

सबसे डरावनी बात? पिछले 10 साल (2015-2025) स्विट्जरलैंड के ग्लेशियरों के लिए सबसे बुरा दशक रहा. इस दौरान बर्फ का 24% हिस्सा गायब हो गया. पहले 2010-2020 में 17% और 2000-2010 में 14% खोया था. अब कुल बर्फ का वॉल्यूम 45.1 किलोमीटर घन बचा है – 2000 से 30 किलोमीटर घन कम. Photo: AFP

Advertisement
  • 7/14

ग्लेशियर का क्षेत्रफल 755 वर्ग किलोमीटर रह गया, जो 2000 से 30% कम है. पूर्वोत्तर स्विट्जरलैंड सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ. सिल्व्रेटा ग्लेशियर पर तो सर्दियों में बर्फबारी 100 साल के रिकॉर्ड में सबसे कम रही – औसत से 25-50% नीचे. वहां का नुकसान रिकॉर्ड स्तर का था. Photo: AFP

  • 8/14

3000 मीटर से नीचे के ग्लेशियरों ने सबसे ज्यादा बर्फ खोई. ग्रोसर एलेट्सचग्लेट्सचर के सबसे निचले पॉइंट (1980 मीटर) पर 12 मीटर तक बर्फ पिघली.दूसरी तरफ, दक्षिणी वैलिस में अप्रैल 2025 में भारी बर्फबारी हुई – 2 मीटर से ज्यादा. इससे मामला थोड़ा बेहतर रहा. Photo: Reuters

  • 9/14

ऊंचे ग्लेशियर जैसे मैटर और सास घाटियों में (अलालिन, फिंडेल, होहलॉब) नुकसान औसत से थोड़ा ज्यादा ही था. जुलाई में ठंडा मौसम और बर्फबारी ने कुछ राहत दी. Photo: Reuters

Advertisement
  • 10/14

अक्टूबर 2024 अच्छा था, लेकिन सर्दी सूखी रही. जून में 'ग्लेशियर लॉस डे' 7 जुलाई को आया – 2022 के बाद दूसरा सबसे जल्दी. यह वह दिन होता है जब साल भर की बर्फबारी पिघल जाती है. Photo: AFP

  • 11/14

2022-2024 में सहारा की धूल ने बर्फ को काला कर पिघलने की रफ्तार बढ़ाई थी. लेकिन 2025 में ऐसी धूल नहीं आई, इसलिए बर्फ चमकदार रही और पिघलना थोड़ा कम हुआ. फिर भी, गर्मी ने सब बर्बाद कर दिया. Photo: AFP

  • 12/14

अगर दुनिया भर में कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन अगले 30 सालों में शून्य हो जाए, तो ऊंचाई वाले 200 स्विस ग्लेशियर बच सकते हैं. लेकिन अगर ऐसा न हुआ, तो छोटे ग्लेशियर गायब हो जाएंगे. 1973-2016 में 1000 से ज्यादा छोटे ग्लेशियर मिट चुके. 2016-2022 में 100 और. Photo: Reuters

  • 13/14

पिजोलग्लेट्सचर तो 2006 से 2025 के बीच पूरी तरह गायब हो गया. पिघलने से पानी की आपूर्ति (सिंचाई, बिजली, पारिस्थितिकी) कम हो रही है. सूखे के दिनों में समस्या बढ़ेगी. ग्लेशियरों का सिकुड़ना पहाड़ों को कमजोर कर रहा है. अंदर से खोखले हो रहे हैं, जिससे चट्टानें और बर्फ के हादसे बढ़ रहे. Photo: Reuters

  • 14/14

मई 2025 में वैलिस के ब्लैटेन गांव पर ग्लेशियर ढह गया – पूरा गांव तबाह हो गया. ऐसे हादसे अब आम हो  रहे हैं. हुस चेताते हैं कि यह सिर्फ बर्फ का नुकसान नहीं, बल्कि जान-माल का खतरा है. Photo: Reuters

Advertisement
Advertisement