न्यूजीलैंड दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जिसने वित्तीय कंपनियों और संस्थानों के लिए पर्यावरण परिवर्तन कानून बनाया है. अब न्यूजीलैंड में बैंक्स, इंश्योरेंस कंपनियां, इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स को ये बताना होगा कि उनके व्यवसाय से पर्यावरण परिवर्तन में क्या फर्क आ रहा है. वो अगर पर्यावरण परिवर्तन के लिए जिम्मेदार हैं तो उसे कैसे सुधारेंगे. ये जानकारी न्यूजीलैंड के क्लाइमेट चेंज मिनिस्टर जेम्स शॉ ने दी. (फोटोःगेटी)
न्यूजीलैंड में सभी बैंकों के एसेट्स की कीमत करीब 703 मिलियन डॉ़लर्स करीब 5298 करोड़ रुपए हैं. वहीं न्यूजीलैंड की इंश्योरेंस कंपनियों का कुल एसेट 1 बिलियन न्यूजीलैंड डॉलर्स है. यानी 5275 करोड़ रुपए से ज्यादा. इसके अलावा सभी इक्विटी और लोन कंपनियां जो भी देश के स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हैं, उन्हें इसकी घोषणा करनी होगी कि उनका कितना एसेट है. उनके इस एसेट से पर्यावरण को कितना फायदा या नुकसान हो रहा है. (फोटोःगेटी)
पर्यावरण मंत्री जेम्स शॉ ने कहा कि वित्ती कंपनियों को ये जानना चाहिए कि वो जहां निवेश कर रहे हैं उससे क्लाइमेट पर कितना असर पड़ रहा है. क्योंकि साल 2050 तक न्यूजीलैंड अपना कार्बन उत्सर्जन जीरो पहुंचाना चाहता है. इसके लिए वित्तीय संस्थाओं को भी साथ देना होगा. इस कानून से वित्तीय कंपनियों को पर्यावरण संबंधी खतरे की जानकारी होगी. संस्थाएं उसे लेकर नए लचीले कानून बनाएंगी. साथ ही पर्यावरण को समर्थन करने वाले व्यापार में शामिल होंगी. (फोटोःगेटी)
इस बिल को न्यूजीलैंड के संसद में पेश किया गया है. उम्मीद है कि इस हफ्ते इसकी पहली रीडिंग संसद में होगी. जिसमें बताया जाएगा कि पर्यावरण परिवर्तन को लेकर वित्तीय संस्थाओं को क्या काम करने हैं और क्या नहीं करने हैं. साथ ही उन्हें ये भी बताया जाएगा कि इससे क्या खतरे हैं और आप कैसे इस मौके का फायदा उठा सकते हैं. (फोटोःगेटी)
न्यूजीलैंड के इस नए पर्यावरण परिवर्तन कानून के तहत करीब 200 बड़ी देसी-विदेशी वित्तीय संस्थाएं आएंगी. इन वित्तीय संस्थानोँ का कुल एसेट 5275 करोड़ रुपए से ज्यादा है. अगले साल से इन वित्तीय संस्थाओं को हर वित्तीय वर्ष के शुरुआत में एसेट्स की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी. साथ ही ये बताना होगा कि उनके व्यवसाय से पर्यावरण को कितना फायदा और कितना नुकसान हो रहा है. साथ ही ये भी बताना होगा कि वो इसे कैसे कम करेंगे? (फोटोःगेटी)
न्यूजीलैंड की सरकार ने पिछले साल सितंबर में कहा था कि वो वित्तीय क्षेत्र के लिए पर्यावरण परिवर्तन संबंधी ऐसा कानून लाएंगे जो उन्हें क्लाइमेट को बचाने के लिए प्रेरित करेगी. इसके पहले भी न्यूजीलैंड सरकार ने कई ऐसी नीतियां और कानून लाई है जिनसे पर्यावरण को बचाया जा सके. ताकि इस देश की सरकार 2025 तक कार्बन उत्सर्जन को जीरो कर सके. (फोटोःगेटी)
न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डेन जो पिछले साल अक्टूबर में सत्ता में आई हैं, उन्होंने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए उनकी पार्टी और सरकार हरसंभव कदम उठाएगी. इसके लिए नए कानून लाएं जाएंगे. साथ ही देश को परमाणु ऊर्जा का उपयोग करके आगे बढ़ना है. साथ ही रीन्यूएबल एनर्जी के लिए काम करना है ताकि आगे आने वाली पीढ़ियों को दिक्कत न हो. (फोटोःरॉयटर्स)