कोरोना वायरस से महिलाओं की तुलना में पुरुषों को खतरा ज्यादा है. अमेरिका में किए गए नए अध्ययन में यह खुलासा हुआ है. इससे पहले भी ऐसी स्टडीज कोरोना काल में आई थीं, जिनमें कहा गया था कि कोविड-19 से पुरुषों को खतरा ज्यादा है. लेकिन इस नई स्टडी में बताया गया है कि क्यों कोविड-19 की वजह से पुरुषों को गंभीर संक्रमण और मौत का खतरा ज्यादा है. इस स्टडी को मिसौरी के सेंट लुईस स्थित वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने किया है. (फोटोःPTI)
वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में प्रोफेसर अभिनव दिवान ने मीडिया संस्थान द प्रिंट से बताया कि कोरोना काल में ये बात लगातार उठ रही थी कि टेस्टोस्टेरॉन (Testosterone) बुरा है. क्योंकि पुरुषों में इस हॉर्मोन की मात्रा कम होती है. जिस वजह से पुरुषों के लिए कोविड-19 के गंभीर संक्रमण और मौत का खतरा बढ़ जाता है. अब यह बात हमारी स्टडी में पुख्ता हो चुकी है. (फोटोःPTI)
प्रो. अभिनव दिवान ने कहा कि जब कोई पुरुष कोविड-19 संक्रमण के साथ अस्पताल आता है, उस समय उसका टेस्टोस्टेरॉन स्तर कम होता है. उसे कोरोना के गंभीर संक्रमण, आईसीयू में भर्ती होने और मौत की आशंका ज्यादा रहती है. वहीं, जिन पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन का बहाव ज्यादा रहता है, वो कोरोना के गंभीर संक्रमण या मौत से बच जाते हैं. लेकिन अस्पताल में भर्ती होने के दौरान अगर इसका स्तर गिरता है तो वो फिर खतरे में आ जाते हैं. (फोटोःPTI)
प्रो. अभिनव और उनकी टीम ने 152 लोगों के खून का सैंपल लिया. इसमें से 90 पुरुष थे और 62 महिलाएं. ये सभी लोग सेंट लुईस स्थित बार्न्स-ज्यूस अस्पताल में कोरोना का इलाज कराने आए थे. इसमें से 143 लोग इस अस्पताल में भर्ती हुए थे. शोधकर्ताओं ने इनके ब्लड सैंपल्स में अलग-अलग हॉर्मोन्स का अध्ययन किया. (फोटोःPTI)
अध्ययन के दौरान पता चला कि अस्पताल में भर्ती होने के बाद 37 मरीजों की मौत हुई. जिसमें से 25 पुरुष थे. शोधकर्ताओं ने इन सभी खून के सैंपल से टेस्टोस्टेरॉन, एस्ट्राडियोल और IGF-1 कंसेनट्रेशन की जांच की थी. ये जांच 3, 7, 14वें और 28वें दिन की गई थी. ये देखने के लिए कि हॉर्मोन्स का स्तर कितना है. इसमें पता चला कि सिर्फ टेस्टोस्टेरॉन ही इकलौता हार्मोन है जो पुरुषों के कोरोना संक्रमण की गंभीरता से सीधा संबंध रखता है. (फोटोःPTI)
90 पुरुषों में से 84 अस्पताल में भर्ती हुए थे. इनमें 66 को कोविड-19 का गंभीर संक्रमण था. इनमें से 31 अस्पताल गंभीर अवस्था में पहुंचे थे, जबकि 35 अस्पताल में इलाज के दौरान गंभीर कोरोना संक्रमण से ग्रसित हुए. जो पुरुष ICU में भर्ती हुए या जिन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया या जिनकी मौत हुई. उनके शरीर में टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन्स की कमी देखी गई. बल्कि वो जो संक्रमित हुए लेकिन गंभीर नहीं थे, उनके शरीर में इस हॉर्मोन का स्तर सही था. (फोटोःPTI)
स्टडी के मुताबिक पुरुषों में कोविड-19 संक्रमण के गंभीर होने की आशंका ज्यादा है. लेकिन ये नहीं पता चल पाया है कि सेक्स हॉर्मोन्स इस पूर्ववृत्ति में क्या योगदान दे रहे हैं. लेकिन यह स्टडी बताती है कि कम मात्रा में टेस्टोस्टेरॉन का होना कोविड-19 के गंभीर संक्रमण को बुलावा दे रही है. क्लीनिकल ट्रायल्स करने वाली संस्थाओं और दवा कंपनियों को इस तरफ भी नजर रखनी चाहिए. (फोटोःPTI)
इस स्टडी में ये बात भी सामने आई है कि कम टेस्टोस्टेरॉन होने की वजह से पुरुषों में सूजन की समस्या बढ़ जाती है. इससे पुरुषों में कोविड-19 की वजह से सूजन की दिक्कत और ज्यादा हो जाती है. इस बात का खुलासा पहले ही हो चुका है कि हर 30 साल के बाद पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन की मात्रा में हर साल 1 से 2 फीसदी कम होने लगती है. जिसकी वजह से 30 के बाद ये पुरुषों में कोरोना संक्रमण ज्यादा नुकसानदेह साबित हो रहा है. (फोटोःPTI)
इसके अलावा कोरोना में स्थिति गंभीर करने वाली अन्य दिक्कते हैं मोटापा, मेटाबोलिक सिंड्रोम, क्रॉनिक बीमारियां जैसे टाइप-2 डायबिटीज, रीनल अक्षमता या फिर क्रॉनिक लंग डिजीसेस. ये अगर कम टेस्टोस्टेरॉन के साथ मिल जाएं तो कोरोना संक्रमित पुरुषों की हालत ज्यादा गंभीर हो सकती है. पिछले साल दिसंबर में नेचर कम्यूनिकेशन में एक स्टडी प्रकाशित हुई थी जिसमें कहा गया था कि सेक्स हॉर्मोन इम्यून सिस्टम को दबाता है. (फोटोःPTI)
इसके अलावा यह भी कहा गया था कि उम्र के साथ इम्यून सिस्टम में होने वाले बदलाव भी असर डालते हैं. पुरुषों में ये दिक्कत ज्यादा होती है. हाल ही में सेंटर फॉर डिजीस कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) में एक रिपोर्ट छपी थी जिसमें कहा गया था पुरुष और महिला का इम्यून सिस्टम कोरोना संक्रमण को अलग-अलग तरह से लेता है. इसके पीछे एक्स-क्रोमोसोम्स का योगदान होता है. (फोटोःPTI)