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साइंस न्यूज़

भीषण सूखे की मार झेलता लेबनान... जल स्रोतों का खत्म होता पानी, देखें PHOTOS

आजतक साइंस डेस्क
  • 16 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 8:24 AM IST
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लेबनान 80 वर्षों में अब तक के सबसे बुरे सूखे का सामना कर रहा है. लेबनान के लिटानी नदी की कराउन झील सूखने की स्थिति पर है. यह झील लेबनान की बेका घाटी में स्थित एक कृत्रिम झील है. इस जलाशय का उपयोग जलविद्युत उत्पादन, सिंचाई और घरेलू जल आपूर्ति के लिए किया जाता है. (Reuters)

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लितानी नदी राष्ट्रीय प्राधिकरण के अनुसार इस साल बारीशों के मौसम में कराउन झील में पानी का भराव 45 मिलियन घन मीटर से ज्यादा नहीं हुआ, जो कि वार्षिक औसत 350 मिलियन घन मीटर की तुलना में काफी कम है. भूजल संसाधनों में भारी कमी के कारण जल संरक्षण के प्रयास किए जा रहे हैं. (Reuters)

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पानी की कमी से जूझता लेबनान के करताबा में इब्राहिम नदी पर बना जन्नेह डैम. यह लेबनान के ऊर्जा और जल मंत्रालय की राष्ट्रीय जल रणनीति का हिस्सा था. (Reuters)

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लितानी नदी प्राधिकरण के प्रमुख सामी अलावीह के अनुसार साल 1989, 1990 और 1991 सूखे रहे थे. लेकिन यह साल  अभी तक का सबसे सूखा साल रहा है. हम सभी लेबनानी क्षेत्रों और जलाशयो में जल संकट की समस्या जूझ रहे हैं. (Reuters)

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सूखे की मार झेलता लेबनान के बटौन में अलजौज नदी पर बना म्सेइल्हा डैम.  अलवीह ने बताया कि लितानी बेसिन से जुड़े लेबनान के जलविद्युत संयंत्र बंद कर दिए गए हैं और बिजली की कटौती तेज हो गई है. (Reuters)

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जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान में वृद्धि हुई है और बारिश के पैटर्न में बदलाव ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है. पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी बहुत कम हुई जिस कारण नदियों और जलाशयों में पानी की कमी हो गई है. (Reuters)

 

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जलाशयों का जल निम्न स्तर पर पहुंच गया है. जिससे कृषि उत्पादन, बिजली उत्पादन और घरेलू जल आपूर्ति पर बड़ा ख़तरा है. भूजल संसाधनों में भारी कमी के कारण जल संरक्षण के प्रयास किए जा रहे हैं. (Reuters)

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लेबनान के कराउन गांव में एक चरवाहा अपने पशुओं को सैर पर लेकर जाता हुआ है. जलवायु परिवर्तन और मौसम में हो रहे बदलावों की वजह से गर्म और सूखे दिन बढ़ते जा रहे हैं. (Reuters)

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बेका घाटी में कराउन गांव के आसपास के उपजाऊ क्षेत्र में अपने खेतों में काम करते किसान. सिंचाई प्रणालियों को चलाने के लिए जरूरी बिजली की अनियमित आपूर्ति ने खेती की मुश्किलों को और बढ़ा दिया है.  (Reuters)

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