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इंसानों ने प्लास्टिक की धरती बना दी... 2040 तक 50 फीसदी बढ़ जाएगा जहर - देखें PHOTOS

आजतक साइंस डेस्क
  • 14 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 2:29 PM IST
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संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, हर साल 1.9 करोड़ से 2.3 करोड़ टन प्लास्टिक कचरा पानी के ईकोसिस्टम में घुलता है. अगर तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो यह 2040 तक 50% जहर  बढ़ सकता है. दुनिया में हर साल 40 करोड़ टन से ज्यादा नया प्लास्टिक बनाता है. Photo: AFP

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प्लास्टिक प्रदूषण दुनिया की सबसे बड़ी पर्यावरण समस्यों में से एक बन गया है. हर साल लाखों टन प्लास्टिक कचरा समुद्रों, नदियों, जंगलों और शहरों में जमा हो रहा है. इससे पर्यावरण, जीव-जंतुओं और आम लोगों के स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. प्लास्टिक का उत्पादन और उपयोग तेजी से बढ़ने यह समस्या और गंभीर हो गई है. Photo: Reuters

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जिनेवा में प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने के लिए ग्लोबल प्लास्टिक ट्रीटी की बैठक चल रही है. पिछले साल भी ऐसी एक बैठक साउथ कोरिया में विफल हो गई थी. तेल उत्पादक देश प्लास्टिक उत्पादन पर किसी भी तरह की रोक-टोक का विरोध कर रहे हैं. प्लास्टिक का अधिकांश भाग तेल और गैस जैसे ईंधनों से बनता है. Photo: AP

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प्लास्टिक सस्ता, हल्का, और टिकाऊ होता है. सिंगल-यूज प्लास्टिक बोतलों, स्ट्रॉ और कैरी बैगों में प्रयोग किया जाता है. यह 40% प्लास्टिक कचरे का मुख्य कारण है. दुनिया में केवल 9 फीसदी प्लास्टिक ही रिसाइकिल हो पाता है. रिसाइकिलिंग की ज्यादा लागत और सुविधायों की कमी इसका मुख्य कारण है. Photo: Reuters

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दुनिया भर में प्लास्टिक कचरे को इकट्ठा करने और फिर रिसाइकिल करने की व्यवस्था कमजोर है. प्लास्टिक कचरे को खुले में फेंके जाने के कारण यह हवा और पानी के जरिए पर्यावरण में फैलता है. Photo: Reuters

 

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दुनिया में हर साल 400 मिलियन टन से ज्यादा प्लास्टिक का उत्पादन होता है. यह संख्या 2050 तक दोगुनी हो सकती है. 1950 से अब तक 8.3 बिलियन टन प्लास्टिक बनाया गया है. इसमें से केवल 9% रिसाइकिल हुआ, 12% जलाया गया, और बाकी 79% लैंडफिल्स में जमा है. Photo: AP

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2024 में हुए एक अध्ययन के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति औसतन 5 ग्राम माइक्रोप्लास्टिक प्रति सप्ताह खा रहा है. माइक्रोप्लास्टिक समुद्री भोजन, पीने के पानी और हवा के जरिए इंसानों के शरीर में पहुंच रहे हैं.  Photo: AP 

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नाइजिरिया का लागोस दुनिया के सबसे ज्यादा प्लास्टिक-प्रदूषित शहरों में से एक है. शहर के 2 करोड़ से ज्यादा लोगों ने 2024 में दुनिया के 5.7 करोड़ टन प्लास्टिक कचरे में से 8.70 लाख टन का योगदान दिया था. जानलेवा प्लास्टिक प्रदूषण की रोकथाम के प्रयास में लागोस में सिंगल यूस प्लास्टिक पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है. Photo: AP/प्रस्तुतिः रमन परूथी

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