भारत की आर्थिक राजधानी और 'सपनों का शहर' मुंबई हर साल मॉनसून के दौरान भारी बारिश और बाढ़ की चपेट में आ जाता है. भारी बारिश ने इस साल भी शहर को पानी-पानी कर दिया है. सड़कें, रेलवे ट्रैक, एयरपोर्ट और मेट्रो स्टेशन भी पानी में डूब गए हैं. Photo: PTI
मुंबई में पिछले 84 घंटों में 500 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है. मूसलाधार बारिश के कारण मुंबई के यातायात की रफ्तार थम गई हो. सड़क, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट सब जगह पानी भर गया है. इससे न केवल आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित किया, बल्कि बाढ़ जैसी स्थिति के कारण कई जानें भी चली गईं हैं. Photo: PTI
IMD के अनुसार, विखरोली में 248.5 मिमी, सांताक्रूज में 232.5 मिमी और सायन में 221 मिमी बारिश दर्ज की गई है. यह सामान्य बारिश से बहुत ज्यादा है. मुंबई की सात झीलों के जलाशय 90 फीसदी तक भर गए हैं. इससे पानी की आपूर्ति तो सुरक्षित हो गई है लेकिन बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई है. Photo: PTI
मुंबई सात टापुओं को जोड़कर अरब सागर के किनारे बनाया गया एक शहर है. माॅनसून के मौसम में हाई टाइड के दौरान समुद्र का पानी नालियों में घुस जाता है जिससे जल निकासी रुक जाती है. इससे निचले इलाकों में पानी जमा हो जाता है. इस साल मुंबई में मानसून 16 दिन पहले आ गया था. इससे 107 साल पुराने मई में बारिश के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. Photo: PTI
जलवायु परिवर्तन ने मॉनसून के पैटर्न को बदल दिया है. अरब सागर में बढ़ता तापमान नमी को और अधिक बढ़ाता है. अब लंबे समय तक हल्की बारिश के न होकर थोड़े समय में भारी बारिश होती है, जिसे जल निकासी व्यवस्था संभाल नहीं पाती है. मुंबई की जल निकासी व्यवस्था 19वीं सदी की है यह केवल 25 मिमी प्रति घंटा बारिश को ही संभाल सकती है. Photo: PTI
मिठी नदी मुंबई की प्रमुख जल निकासी नदी है. अतिक्रमण और कचरे ने इसकी गहराई और चौड़ाई कम कर दी है. नालों में जमा प्लास्टिक और कचरा पानी के बहाव को रोकता है. मुंबई में हर साल बारिश से पहले नालों की सफाई का दावा किया जाता है. बीएमसी हर साल दावा करती है कि शहर मॉनसून के लिए तैयार है, लेकिन अधूरी नालों की सफाई और पंपिंग स्टेशनों की नाकामी हर बार सामने आ जाती है. Photo: PTI
सड़कों पर घुटनों-घुटनो पानी भर गया है. दुकानें, व्यवसाय, और वाहन पानी में डूब गए जिससे काफी आर्थिक नुकसान हुआ है. ट्रैफिक जाम, हवाई सेवाओं और रेल सेवाओं के रुकने से लाखों यात्रियों को परेशानी को सामना करना पड़ा है. Photo: PTI
भारी बारिश ने 40 से ज्यादा पक्षियों और जानवरों को प्रभावित किया है. पालघर के अंबेड़े गांव में एक पोल्ट्री फार्म में सैकड़ों मुर्गियां बह गईं, जिससे लाखों का नुकसान हुआ है. Photo: AFP
बीएमसी ने सरकारी आफिस बंद कर दिए और निजी कंपनियों से कर्मचारियों को वर्क-फ्रॉम-होम देने की अपील की है. मुंबई पुलिस ने लोगों से घर पर रहने और जरूरी होने पर ही बाहर निकलने का सुझाव दिया है. Photo: PTI
26 जुलाई 2005 को मुंबई में 24 घंटे में 944 मिमी बारिश हुई थी. इतनी बारिश के कारण आई बाढ़ में 1,094 लोगों की जान गई थी. 14,000 घर नष्ट हो गअ थे और 5.5 अरब रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ था. मुंबई में 29 अगस्त 2017 को हुई 468 मिमी बारिश ने शहर को ठप कर दिया था. इसमें एक इमारत ढहने से 21 लोगो की मौत हो गई थी. Photo: PTI
मुंबई शहर की रीढ़ लोकल ट्रेनें बारिश के कारण बुरी तरह प्रभावित हैं. सायन, कुर्ला और भांडुप के बीच रेलवे ट्रैक पर पानी जमा होने से ट्रेनें रुकीं रहीं. हार्बर लाइन पर सीएसएमटी से वडाला और कुर्ला के बीच सेवाएं बाधित रहीं. बाहरी शहरों से मुंम्बई आने वाली ट्रेनें देरी से चल रही हैं. Photo: Mandar Deodhar/India Today
जलभराव और ट्रैफिक जाम के कारण चेंबूर, दादर, सायन, किंग्स सर्कल और अंधेरी जैसे इलाकों में सड़कें पानी से लबालब हो गईं. इससे ट्रैफिक पूरी तरह ठप हो गया और अंधेरी सबवे को बंद करना पड़ा. मुंबई में बाढ़ का इतिहासमुंबई में बाढ़ कोई नई समस्या नहीं है. शहर को हर साल मानसून में जलभराव का सामना करना पड़ता है. प्रस्तुतिः रमन परुथी