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साइंस न्यूज़

पिछले साल 7 महीने डूबा रहा असम, क्या बढ़ रहा है बाढ़ के टिके रहने का समय?

aajtak.in
  • गुवाहाटी,
  • 23 जून 2023,
  • अपडेटेड 5:53 PM IST
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इस समय असम के अलग-अलग जिलों में एक लाख से ज्यादा लोग बाढ़ में डूबे हुए हैं. अगले कुछ ही दिनों में यहां पर मॉनसूनी बारिश शुरू हो जाएगी. हर साल की तरह इस बार भी यह राज्य बुरी तरह से बाढ़ प्रभावित हो जाएगा. आखिर यहां पर इतनी बाढ़ आती क्यों है? क्या यहां पर बाढ़ का समय लगातार बढ़ता जा रहा है? (सभी फोटोः पीटीआई/गेटी/एपी/एएफपी)

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भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने असम के कुछ जिलों में मॉनसूनी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया हुआ है. यानी असम के इन जिलों में तेज से बहुत तेज बारिश की आशंका है. जबकि इस समय भी असम में 1 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ग्रस्त इलाके में रह रहे हैं. 

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DTE की एक रिपोर्ट के मुताबिक असम स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (ASDMA) ने बताया कि असम का बक्सा, बारपेटा, दरांग, धेमाजी, धुबरी, कोकराझार, लखीमपुर, नलबार, सोनितपुर और उदलगुरी जिलों के 1.19 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. 22 जून से लेकर अगले 48 घंटों से ज्यादा समय इन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी है. 

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जबकि, इस समय करीब 780 गांव पानी में डूबे हैं. साढ़े दस हजार हेक्टेयर से ज्यादा खेती की जमीन पानी में डूबी है. जिसकी वजह से यहां लगी फसल बर्बाद हो चुकी है. इस समय जो बाढ़ असम में आई है, वह 14 जून से रुक-रुक कर हो रही बारिश की वजह से हुई थी. 

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पिछले साल मई में ही बाढ़ आनी शुरू हो गई थी. मार्च से मई के बीच औसत बारिश से 62 फीसदी ज्यादा बारिश हुई थी. जो कि 2022 से पहले 10 सालों में नहीं हुई. पिछले कुछ वर्षों में असम में बाढ़ का पानी ज्यादा समय तक टिका रह रहा है. जो कि पूरे राज्य के लिए खतरनाक है. 

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पिछले साल भयानक बारिश और बाढ़ आई. उसके पहले 2019 और 2020 में भी इसी तरह की बाढ़ से असम की हालत खराब कर दी थी. अब स्थिति ये है कि असम में बाढ़ का सीजन अप्रैल से शुरू होकर अक्टूबर तक रहता है. पिछले साल जून से सितंबर के बीच बाढ़ की तीन घटनाएं हुईं. जिसमें 180 से ज्यादा लोग मारे गए थे. 

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असम में पहली बाढ़ 6 अप्रैल से 12 जून तक थी. 33 जिले प्रभावित हुए थे. 4273 गांव डूबे थे. 10 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित थे. 33 लोगों की मौत हुई थी. दूसरी बाढ़ 13 जून से 16 सितंबर 2022 के बीच आई. 34 जिले प्रभावित हुए. 9329 गांव डूबे. 87 लाख से ज्यादा लोग परेशान हुए. 148 लोगों की मौत हुई. 

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बाढ़ की तीसरी घटना 7 अक्टूबर से 28 अक्टूबर 2022 के बीच हुई. 15 जिले और 514 गांव प्रभावित हुए. 84 हजार से ज्यादा लोग बाढ़ से परेशान या विस्थापित हुए. हालांकि इस बार किसी की मौत नहीं हुई. ऐसा ही नजारा साल 2021, 2020 और 2019 में भी था. यह एक ट्रेंड बनता जा रहा है. 

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मौसम विभाग के अनुसार उत्तर-पूर्वी राज्यों में पिछली एक सदी में बारिश का पैटर्न बदला है. कुल मिलाकर बारिश कम होती है. जिसकी वजह से सूखे की हालत हो जाती है. लेकिन असम की भौगोलिक स्थिति को देखा जाए तो बदलता जलवायु और बारिश का पैटर्न खतरनाक होता जा रहा है. 

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ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तर में बसे जिलों में बारिश के दिनों की संख्या में कमी आई है, लेकिन बारिश तेज होती है. जिससे ब्रह्मपुत्र और उसकी साथी नदियों के उफनने से बाढ़ आ जाती है. जो लंबे समय तक टिकी रहती है. साथ ही चीन की तरफ से बारिश के समय में छोड़ा जाने वाला पानी भी आफत लेकर आता है. 

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