Sawan Shivratri 2024: सावन शिवरात्रि पर आज रात करें शिव जी की आरती, होंगी सभी मनोकामनाएं पूरी

Sawan Shivratri 2024: सावन शिवरात्रि का पर्व आज मनाया जा रहा है. इस दिन शिव जी को प्रसन्न करना सबसे आसान होता है, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि शिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ धरती पर मौजूद सभी शिवलिंगों में विराजमान होते हैं. साथ ही कहा जाता है कि शिवरात्रि के दिन शिव जी और माता पार्वती का विवाह हुआ था.

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शिवरात्रि की आरती शिवरात्रि की आरती

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 5:51 PM IST

Sawan Shivratri 2024: सावन शिवरात्रि का पर्व आज मनाया जा रहा है. इस दिन शिव जी को प्रसन्न करना सबसे आसान होता है, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि शिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ धरती पर मौजूद सभी शिवलिंगों में विराजमान होते हैं. साथ ही कहा जाता है कि शिवरात्रि के दिन शिव जी और माता पार्वती का विवाह हुआ था और इसी दिन शिव जी प्रकट भी हुए थे. सावन की शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की आरती जरूर करनी चाहिए, कहते हैं कि ऐसा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है. 

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भगवान शिव की आरती (Shiv ji ki aarti) 

ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥
ओम जय शिव ओंकारा॥ 

एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे। हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥ 
ओम जय शिव ओंकारा॥ 

दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे। त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥ 
ओम जय शिव ओंकारा॥ 

अक्षमाला वनमाला मुण्डमालाधारी। त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥ 
ओम जय शिव ओंकारा॥ 

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघंबर अंगे। सनकादिक गरुड़ादिक भूतादिक संगे॥

ओम जय शिव ओंकारा॥ 

कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूलधारी। सुखकारी दुखहारी जगपालनकारी॥ 
ओम जय शिव ओंकारा॥ 

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका। मधु-कैटभ दो‌उ मारे, सुर भयहीन करे॥ 
ओम जय शिव ओंकारा॥

लक्ष्मी, सावित्री पार्वती संगा। पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा॥ 
ओम जय शिव ओंकारा॥ 

पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा। भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा॥ 
ओम जय शिव ओंकारा॥

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जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला। शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला॥ 
ओम जय शिव ओंकारा॥ 

काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी। नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी॥ 
ओम जय शिव ओंकारा॥ 

त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे। कहत शिवानन्द स्वामी, मनवान्छित फल पावे॥ 
ओम जय शिव ओंकारा॥ ओम जय शिव ओंकारा॥ 

शिवरात्रि पूजन विधि (shivratri Pujan Vidhi) 

शिवरात्रि के दिन भगवान शंकर की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं. उसके बाद 8 लोटे केसर जल चढ़ाएं. उस दिन पूरी रात का दीपक जलाएं. चंदन का तिलक लगाएं. बेलपत्र, भांग, धतूरा, गन्ने का रस, तुलसी, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र व दक्षिणा चढ़ाएं. सबसे बाद में केसर युक्त खीर का भोग लगा कर प्रसाद बांटें. ॐ नमो भगवते रूद्राय, ॐ नमः शिवाय रूद्राय् शम्भवाय् भवानीपतये नमो नमः मंत्रों का जाप करें. इस दिन शिव पुराण का पाठ जरूर करें. शिवरात्रि के दिन रात्रि जागरण भी किया जाता है.

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