Mahakaleshwar Bhasma Aarti: श्मशान की राख नहीं, इन 5 चीजों से बनी भस्म से होती है महाकाल की दिव्य आरती

Mahakaleshwar Bhasma Aarti: महाकालेश्वर मंदिर महादेव के 12 इन ज्योतिर्लिंगों में से एक है. मंदिर अपनी भस्म आरती के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है. इस आरती में भगवान की मूर्ति पर पवित्र भस्म लगाई जाती है. इस मंदिर में भस्म आरती आज से नहीं बल्कि प्राचीन काल से की जा रही है.

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कैसे होती है महाकालेश्वर मंदिर की भस्म आरती? कैसे होती है महाकालेश्वर मंदिर की भस्म आरती?

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 जून 2025,
  • अपडेटेड 10:03 PM IST

Mahakaleshwar Bhasma Aarti: मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर महादेव के 12 इन ज्योतिर्लिंगों में से एक है. भक्तों का मानना ​​है कि महाकाल के दर्शन से आध्यात्मिक शुद्धि होती है. वहीं, महाकालेश्वर मंदिर अपनी भस्म आरती के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है. इस आरती में भगवान की मूर्ति पर पवित्र भस्म लगाई जाती है. इस मंदिर में भस्म आरती आज से नहीं बल्कि प्राचीन काल से की जा रही है.

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भस्म आरती इस मंदिर में होने वाली एक खास तरह की पूजा है, जो यहां आने वाले श्रद्धालुओं को बहुत आकर्षित करती है. लोग दूर-दूर से इस भस्म आरती को देखने और इसमें हिस्सा लेने के लिए आते हैं. भक्तों की महाकालेश्वर मंदिर की भस्म आरती को लेकर ऐसी भी मान्यता है कि महाकाल बाबा का श्रृंगार या आरती श्मशान से आने वाली भस्म से होती है. लेकिन इस बात में कितना सच है, चलिए जानते हैं. 

धार्मिक मामलों के जानकार भावेश भीमानथानी के अनुसार, 'महाकालेश्वर मंदिर एक ऐसा स्थान है जहां आप समय से परे चले जाएंगे. जब आप यहां जाएंगे तो आपको ऐसा लगेगा कि आप बस इस जगह की धुन पर नाच रहे हैं. खास बात ये है कि महादेव के सिर्फ इसी ज्योतिर्लिंग में भस्म आरती होती है, जो श्मशान की राख द्वारा बनाई जाती थी. लेकिन, अब महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल के श्रृंगार की भस्म चंदन और गाय के गोबर द्वारा तैयार की जाती है.'

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कुछ किंवदंतियों के अनुसार ऐसी भी मान्यता है कि बहुत साल पहले महाकालेश्वर मंदिर की आरती में जो भस्म इस्तेमाल होती थी, वह श्मशान घाट से लाई जाती थी. लेकिन अब मंदिर के पुजारी भी इस बात को खारिज करते हैं कि मंदिर की आरती में प्रयोग की जाने वाली भस्म श्मशान घाट से नहीं लाई जाती है. बल्कि महाकाल पर चढ़ने वाली पवित्र भस्म कपिला गाय के गोबर से बने कंडों, शमी, पीपल, पलाश, बड़, अमलताश और बेर के वृक्ष की लकड़ियों को एक साथ जलाकर तैयार की जाती है.

भस्म आरती की प्रक्रिया करीब दो घंटे चलती है. इस दौरान वैदिक मंत्रों का उच्चारण होता है जो आरती को और भी अधिक पावन बनाते हैं. साथ ही, भस्म आरती के दौरान भगवान महाकाल की उपासना के साथ उनका श्रृंगार भी किया जाता है.

महाकालेश्वर मंदिर की भस्म आरती में पहुंची हैं ये प्रसिद्ध हस्तियां

महाकालेश्वर मंदिर सिर्फ आम भक्तों के लिए ही खास नहीं है. बल्कि, यहां कई बार प्रसिद्ध लोग और मशहूर एक्टर-एक्ट्रेस भी आकर महाकाल का आशीर्वाद लेते हैं और भस्म आरती का दिव्य दर्शन करते हैं. चाहे वह कोई एक्टर हो या कोई राजनीति हो, सभी महाकाल के पवित्र माहौल से प्रभावित होते हैं. हाल ही में यहां बॉलीवुड सिंगर अरिजीत सिंह, क्रिकेटर विराट कोहली और एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा पहुंचे हैं. इनके अलावा, साउथ सिनेमा के सुपरस्टार यश, टीवी एक्ट्रेस रूपाली गांगुली, सारा अली खान जैसी कई नामचीन हस्तियां यहां आ चुकी हैं.

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