कार्तिक पूर्णिमा का क्या है महत्व? जानें, पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त

इस दिन शिव जी ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था और विष्णु जी ने मत्स्य अवतार भी लिया था.

Advertisement
प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 7:11 AM IST

कार्तिक मास की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है. इस पूर्णिमा का शैव और वैष्णव, दोनों ही सम्प्रदायों में बराबर महत्व है. इस दिन शिव जी ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था और विष्णु जी ने मत्स्य अवतार भी लिया था. इसी दिन गुरुनानक देव का जन्म भी हुआ था अतः इसको प्रकाश और गुरु पर्व के रूप में भी मनाया जाता है.

Advertisement

क्या है दीप दान का महत्व

इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दीपदान करने का विशेष महत्व है. कार्तिक पूर्णिमा पर दान करने का विशेष महत्व है. इस दिन दान करने से ग्रहों की समस्या को दूर किया जा सकता है. इस बार कार्तिक पूर्णिमा 12 नवंबर को है

किस प्रकार करें स्नान और दान?

- प्रातः काल स्नान के पूर्व संकल्प लें

- फिर नियम और तरीके से स्नान करें

- स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य दें

- साफ वस्त्र या सफेद वस्त्र धारण करें और फिर मंत्र जाप करें

- मंत्र जाप के पश्चात अपनी आवश्यकतानुसार दान करें

- चाहें तो इस दिन जल और फल ग्रहण करके उपवास रख सकते हैं

कार्तिक पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त

कार्तिक पूर्णिमा की तिथि- 12 नवंबर 2019

पूर्णिमा तिथि आरंभ- 11 नवंबर 2019 को शाम 6 बजकर 2 मिनट से आरंभ

Advertisement

पूर्णिमा तिथि समाप्त- 12 नवंबर 2019 को शाम 7 बजकर 4 मिनट तक

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement