रावण के जन्म के साथ ही शुरू हो गई विश्व प्रसिद्ध 'काशी की रामलीला'

रावण के जन्म के साथ ही काशी (वाराणसी) के रामनगर में विश्व प्रसिद्ध रामलीला की शुरुआत हो जाती है. रामलीला का आयोजन एक महीने तक चलता है.

Advertisement
अनंत चतुर्दशी के दिन ही हुआ था रावण का जन्म. अनंत चतुर्दशी के दिन ही हुआ था रावण का जन्म.

aajtak.in / aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 6:38 PM IST

अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्णु के अनंत रूप को पूजा जाता है और इसी दिन गणपति का विसर्जन भी होता है. वहीं अनंत चतुर्दशी से जुड़ी एक खास बात और है जिसकी जानकारी बहुत कम लोगों को है. दरअसल अनंत चतुर्दशी के दिन ही रावण का जन्म हुआ था.

रावण के जन्म के साथ ही काशी (वाराणसी) के रामनगर में विश्व प्रसिद्ध रामलीला की शुरुआत हो जाती है. रामलीला का आयोजन एक महीने तक चलता है.

Advertisement

रामलीला की खास तैयारी की जाती है और गणेश चतुर्थी से ही इसकी शुरुआत हो जाती है. रामलीला आश्विन महीने की शुक्ल पूर्णिमा को खत्म होती है. रामलीला के सफल आयोजन के लिए इसके सभी कलाकारों से गणेश पूजा भी करवाई जाती है.

रावण के जन्म के साथ ही रामनगर में रामलीला की शुरुआत हो चुकी है. इस अनूठी रामलीला की चर्चा इतनी है कि इसे देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं. स्थानीय लोग हाथ में पीढ़ा और पढ़ने के लिए रामचरितमानस लेकर रामलीला देखने जाते हैं. ये पूरी रामलीला अवधी भाषा में होती है.

रामनगर में रामलीला की शुरुआत साल 1783 में हुई थी. इसका आयोजन काशी नरेश उदित नारायण सिंह ने किया था. अपनी शुरुआत के साथ ही ये रामलीला ठीक उसी परंपरा के मुताबिक की जाती है.

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement