प्रयागराज में पौष पूर्णिमा पर भजन-कीर्तन और जयकारों के साथ शुरू हुए महाकुंभ 2025 में आज पहला अमृत स्नान है. मकर संक्रांति के मौके पर विभिन्न अखाड़ों के नागा साधुओं ने संगम में पवित्र डुबकी लगाई, जिसे 'अमृत स्नान' (शाही स्नान) कहा जाता है. यह महाकुंभ 12 वर्षों के बाद आयोजित किया जा रहा है, हालांकि संतों का दावा है कि इस आयोजन के लिए 144 वर्षों के बाद एक बहुत ही दुर्लभ मुहूर्त बना है, जो समुद्र मंथन के दौरान बना था. 12 वर्षों के बाद आयोजित होने वाला महाकुंभ 13 जनवरी को शुरू हुआ, जो 26 फरवरी तक चलेगा. 45 दिनों तक चलने वाले इस धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय के मुताबिक इस बार महाकुंभ में 15 लाख से अधिक विदेशी श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है.
प्रयागराज महाकुंभ 2025 के लिए मेला प्रशासन ने चाक-चौबंद व्यवास्था की है. इसी बीच यूपी पुलिस ने सुरक्षा के लिए हवाई निगरानी का इस्तेमाल किया है, जिसमें 11 टेथर्ड ड्रोन और एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात किए गए हैं. इन ड्रोन को निर्बाध बिजली आपूर्ति दी जा रही है. ये ड्रोन लगातार 12 घंटे तक निगरानी कर सकते हैं. ड्रोन 120 मीटर की ऊंचाई तक उड़ान भर सकते हैं और 3 किलोमीटर के दायरे को कवर कर सकते हैं.
इन ड्रोनों की मदद से पुलिस भीड़ प्रबंधन, यातायात प्रबंधन, संदिग्ध एक्टिविटी का पता लगाना, आपातकालीन प्रतिक्रिया और मैनपावर का प्रबंधन कर रही है. इसके अलावा तीन एंटी-ड्रोन सिस्टम को रणनीतिक स्थानों पर तैनात किया गया है जो हवाई खतरों को निष्क्रिय करने में सक्षम हैं. अब तक 9 अवैध ड्रोन को निष्क्रिय किया जा चुका है.
प्रयागराज महाकुंभ में पहले अमृत स्नान पर्व के मौके पर 3.50 करोड़ से ज्यादा संतों और श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में डुबकी लगाई है. ये जानकारी सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर दी है.
सीएम ने एक्स पर लिखा, आस्था, समता और एकता के महासमागम 'महाकुम्भ-2025, प्रयागराज' में पावन 'मकर संक्रांति' के शुभ अवसर पर पवित्र संगम में आस्था की पवित्र डुबकी लगाने वाले सभी पूज्य संतगणों, कल्पवासियों व श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन!
CM ने आगे लिखा, 'प्रथम अमृत स्नान पर्व पर आज 3.50 करोड़ से अधिक पूज्य संतों/श्रद्धालुओं ने अविरल-निर्मल त्रिवेणी में स्नान का पुण्य लाभ अर्जित किया. प्रथम अमृत स्नान पर्व के सकुशल संपन्न होने पर सनातन धर्म के आधार सभी पूज्य अखाड़ों, महाकुम्भ मेला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन, पुलिस प्रशासन, स्वच्छताकर्मियों, स्वयंसेवी संगठनों एवं धार्मिक संस्थाओं, नाविकों तथा महाकुम्भ से जुड़े केंद्र व प्रदेश सरकार के सभी विभागों को हृदय से साधुवाद तथा प्रदेश वासियों को बधाई!.'
मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर महाकुंभ के पहले शाही स्नान में विभिन्न अखाड़ों के साधुओं के स्नान के बाद आम लोग स्नान कर रहे हैं. मेला प्रशासन के मुताबिक, दोपहर 3 बजे तक संगम में 2.50 करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं.
उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि 13 में से 8 अखाड़ों ने 12 बजे तक संगम में अमृत स्नान कर लिया था. आम श्रद्धालु भी स्नान कर रहे हैं. दोपहर 12 बजे तक लगभग 1 करोड़ 60 लाख लोगों ने स्नान किया है. सारी व्य्वस्थाएं ठीक से चल रही हैं. मेला क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं. महाकुंभ शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है.
उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि महाकुंभ के पहले अमृत स्नान पर कई अखाड़ों के साधु संतों ने ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4:35 बजे ही संगम में डुबकी लगा ली. निरंजनी अखाड़ा, अटल अखाड़ा, महानिर्वाणी अखाड़ा और आनंद अखाड़ा ने पवित्र स्नान किया. सुबह 8 बजे तक 1 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की पवित्र डुबकी लगा ली थी और यह आंकड़ा बढ़ता ही जाएगा.
मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर महाकुंभ 2025 का पहला अमृत स्नान विभिन्न अखाड़ों के साधुओं के साथ शुरू हुआ. 14 जनवरी को भोर से ही सभी 13 अखाड़े अपने जुलूस के साथ संगम तट पर जाने के लिए तैयार दिखे. हाथी, घोड़े, ऊँट पर सवार साधु-संत हाथों में त्रिशूल, गदा, भाला-बरछी लेकर 'जय श्री राम', 'हर हर महादेव' के जयघोष के साथ जब संगम तट के लिए निकले तो कई किलोमीटर लंबी लाइन लग गई. संतों, संन्यासियों और नागा साधुओं को देखने के लिए अखाड़ा मार्ग के दोनों ओर लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ खड़ी रही.
रूस की एक और श्रद्धालु नृत्य तरंगिनी ने कहा, 'मूल रूप से मैं रूस से हूं लेकिन मैं वृंदावन में रहती हूं... मैं बहुत उत्साहित हूं क्योंकि इस महाकुंभ मेले में भाग लेने का यह एक दुर्लभ अवसर है. क्योंकि यह बहुत खास है... हम सनातन धर्म का ज्ञान दुनिया के साथ साझा करना चाहते हैं.'
रूस की रहने वाली प्रियमदासी ने कहा, 'मैं वृन्दावन में रहती हूं, लेकिन मैं मूल रूप से रूस से हूं... हम सनातन धर्म का प्रचार करने के उद्देश्य से अपने गुरु के मार्गदर्शन में यहां आए हैं. हम इस ज्ञान को लोगों के साथ साझा करना चाहते हैं. हम भगवत गीता लेकर आए हैं. हम लोगों को उनके वास्तविक जीवन और धर्म के बारे में याद दिलाना चाहते हैं और यह भी बताना चाहते हैं कि लोग इस दुनिया में कैसे खुश रह सकते हैं... व्यवस्थाएं बहुत अच्छी हैं.'
महानिर्वाण अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद ने कहा, 'हम महाकुंभ में भारतीय सभ्यता की भव्यता का अनुभव कर रहे हैं. करोड़ों लोग हमारी संस्कृति का गौरव देख रहे हैं. हर तरफ खुशी और उत्साह है. लोग ठंड को भूल कर रात दो बजे से ही संतों के दर्शन का इंतजार कर रहे हैं. यहां अविश्वसनीय दृश्य हैं. जो लोग जातीय विभाजन पैदा करते हैं और हमारे धर्म पर दोषारोपण करते हैं, उन्हें यहां आकर देखना चाहिए कि करोड़ों की भीड़ में कोई ब्राह्मण या शूद्र नहीं है, केवल हिंदू और हिंदू संस्कृति है.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने X पर एक पोस्ट में लिखा कि उत्तरायण सूर्य को समर्पित यह पावन उत्सव आप सबके जीवन में नई ऊर्जा और नए उत्साह का संचार करे.
आनंद अखाड़ा के आचार्य मंडलेश्वर बालकानंद महाराज ने मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर महाकुंभ मेला 2025 के पहले अमृत स्नान के लिए जुलूस का नेतृत्व किया.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने X हैंडल से महाकुंभ की कुछ तस्वीरें शेयर कीं. उन्होंने लिखा कि यह हमारी सनातन संस्कृति और आस्था का जीवंत स्वरूप है. आज आस्था के महापर्व 'मकर संक्रांति' के पावन अवसर पर महाकुंभ-2025, प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर प्रथम अमृत स्नान कर पुण्य अर्जित करने वाले सभी श्रद्धालुओं को बधाई.
मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर धर्मगुरु स्वामी कैलाशानंद गिरि ने महाकुंभ 2025 के पहले अमृत स्नान के लिए जुलूस का नेतृत्व किया. सनातन धर्म के 13 अखाड़ों के साधु-संत आज गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के पवित्र त्रिवेणी संगम में एक-एक करके डुबकी लगा रहे हैं.
मकर संक्रांति पर पहले 'अमृत स्नान' के दिन सभी 13 अखाड़े एक-एक करके 'अमृत स्नान' के लिए संगम तट पर आ रहे हैं. यहां 'स्नान' क्षेत्र की ओर जाने वाले अखाड़ा मार्ग पर पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है. सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस, पीएसी, अखाड़ों के साथ घुड़सवार पुलिस और अर्धसैनिक बल तैनात हैं.
श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा दोपहर 12.15 बजे अपनी छावनी से निकलकर 1.15 बजे घाट पर पहुंचेगा. 55 मिनट तक स्नान करने के बाद यह 2.10 बजे घाट से निकलकर 3.10 बजे छावनी पर पहुंचेगा. इसके बाद श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन निर्वाण की बारी है, जो 1.20 बजे छावनी से निकलकर 2.20 बजे घाट पर पहुंचेगा. यहां एक घंटे तक स्नान करने के बाद यह 3.20 बजे घाट से निकलकर 4.20 बजे छावनी पर पहुंचेगा. श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा सबसे आखिर में अमृत स्नान करेगा. यह अखाड़ा 2.40 बजे छावनी से निकलकर 3.40 बजे घाट पर पहुंचेगा. 40 मिनट तक स्नान के बाद यह 4.20 बजे घाट से रवाना होगा और 5.20 बजे शिविर में पहुंचेगा.
मकर संक्रांति के अवसर पर पहले अमृत स्नान के लिए नागा साधुओं का संगम पर पहुंचना जारी है. तीन बैरागी अखाड़ों में सबसे पहले अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा सुबह 9.40 बजे शिविर से निकलकर 10.40 बजे घाट पर पहुंचेगा और 30 मिनट स्नान करने के बाद 11.10 बजे घाट से निकलकर 12.10 बजे शिविर में पहुंचेगा. अखिल भारतीय श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़ा सुबह 10.20 बजे शिविर से निकलकर 11.20 बजे घाट पर पहुंचेगा और 50 मिनट स्नान करने के बाद 12.10 बजे घाट से निकलकर 1.10 बजे शिविर में वापस आएगा. अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा सुबह 11.20 बजे शिविर से निकलकर 12.20 बजे घाट पर पहुंचेगा. 30 मिनट तक स्नान करने के बाद 12.50 बजे वापस आएगा और 1.50 बजे शिविर में पहुंचेगा.
श्री पंचनामदास शंभू आह्वान अखाड़े के कमल गिरी नागा बाबा ने कहा, 'मैं महाराष्ट्र के जलगांव जिले से प्रयागराज आया हूं. यहां सीएम योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं के लिए जो व्यवस्था की है, वह बहुत अच्छी है. इस महाकुंभ में शामिल होने के लिए हर सनातनी को प्रयागराज आना चाहिए, जो 144 वर्षों के बाद आयोजित किया जा रहा है.'
श्री तपोनिधि पंचायती, श्री निरंजनी अखाड़ा और श्री पंचायती अखाड़ा आनंद- अमृत स्नान करने वाले दूसरे अखाड़े रहे. शिविर से उन्होंने सुबह 6.05 बजे प्रस्थान किया अरैी सुबह 7.05 बजे संगम घाट पर पहुंचे. दोनों अखाड़े के नागा साधुओं ने पवित्र संगम में 40 मिनट तक अमृत स्नान किया.
मकर संक्रांति (आज) पर श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़े ने सबसे पहले अमृत स्नान किया. दोनों अखाड़ों ने सुबह 5:15 बजे कैंप से प्रस्थान किया था, इसके बाद दोनों अखाड़े सुबह 6:15 बजे घाट पर पहुंचे. उन्होंने 40 मिनट तक स्नान किया. फिर घाट से 6.55 बजे शिविर के लिए प्रस्थान किया.
महाकुंभ के दौरान पहला पवित्र स्नान आज मकर संक्रांति के दिन यानी 14 जनवरी को है. इसके बाद दूसरा पवित्र स्नान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन और तीसरा पवित्र स्नान 3 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन होगा. 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन भी पवित्र स्नान किए जाएंगे, लेकिन इन्हें अमृत स्नान नहीं कहा जाएगा.
13 जनवरी, 2025: पौष पूर्णिमा (स्नान)
14 जनवरी, 2025: मकर संक्रांति (पहला अमृत स्नान)
29 जनवरी, 2025: मौनी अमावस्या (दूसरा अमृत स्नान)
3 फरवरी, 2025: बसंत पंचमी (तीसरा अमृत स्नान)
12 फरवरी, 2025: माघी पूर्णिमा (स्नान)
26 फरवरी, 2025: महा शिवरात्रि (अंतिम स्नान)
कुछ लोगों का मानना है कि सनातन धर्म के प्रति समर्पण के कारण नागा साधुओं को महाकुंभ में सबसे पहले स्नान करने की अनुमति दी जाती है. इस दौरान नागा साधु हाथी, घोड़े और रथों पर सवार होकर गंगा स्नान करने आते हैं. यानी उनका वैभव राजाओं जैसा देखने को मिलता है. माना जाता है कि नागाओं की इस राजसी ठाठ-बाट को देखकर ही महाकुंभ के पवित्र स्नान का नाम शाही स्नान रखा गया. अमृत स्नान को लेकर भी ऐसी ही मान्यता है कि पुराने जमाने में राजा-महाराजा महाकुंभ के दौरान स्नान करने के लिए साधु-संतों के साथ भव्य जुलूस निकालते थे। तभी से महाकुंभ की कुछ विशेष तिथियों पर होने वाले स्नान को अमृत स्नान के नाम से जाना जाने लगा.
मकर संक्रान्ति के मौके पर आज महाकुंभ 2025 का पहला अमृत स्नान है. इस मौके पर विभिन्न अखाड़ों के नागा साधु संगम में पवित्र डुबकी लगाने के लिए तट पर उमड़े. महाकुंभ के दौरान कुछ महत्वपूर्ण तिथियों पर किए गए स्नान को अमृत स्नान कहा जाता है. यह नाम सांस्कृतिक रूप से बेहद खास माना जाता है. इस नाम को लेकर विद्वानों की अलग-अलग राय है.