केदारनाथ के बाद बदरीनाथ जाएंगे मोदी, जानिए इस पवित्र धाम की खासियत

बदरीनाथ के दर्शन मात्र से ही मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री भी नारायण के इस सबसे चमत्कारी धाम में आकर उनकी कृपा पाना चाहते हैं, ताकि भगवान बद्रीविशाल उनकी मनोकामना पूरी करें.

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बद्रीनाथ बद्रीनाथ

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 मई 2019,
  • अपडेटेड 9:37 AM IST

लोकसभा चुनाव 2019 के आखिरी चरण के लिए मतदान की प्रक्रिया जारी है. वहीं, इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी शोर-गुल से दूर केदारनाथ में भगवान की शरण में पहुंचे. करीब 17 घंटे तक केदारनाथ की गुफा में साधना करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ मंदिर में पूजा की. केदारनाथ मंदिर के बाद अब पीएम मोदी बद्रीनाथ धाम आएंगे.

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कहते हैं कि बद्रीनाथ के दर्शन मात्र से ही मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री भी नारायण के इस सबसे चमत्कारी धाम में आकर उनकी कृपा पाना चाहते हैं, ताकि भगवान बद्रीविशाल उनकी मनोकामना पूरी करें. आइए आपको बताते हैं बद्रीनाथ धाम का इतना महत्व क्यों हैं और बद्रीनाथ धाम को सर्वोपरि क्यों माना जाता है.

बद्रीनाथ जगत के पालनहर श्रीहरि विष्णु का पवित्र धाम है. ये बद्रीनारायण का वो दिव्य स्थान है, जहां आस्था और विश्वास का महासंगम देखने को मिलता है. भगवान बद्रीनाथ के कपाट भक्तों के लिए भी खुल गए हैं. अब भक्त अपने भगवान के दर्शन कर पाएंगे.

बद्रीनाथ करेंगे कल्याण-

बद्रीनाथ धाम में पहले दिन मुख्य दर्शन अखंड ज्योति के ही मान्य होते हैं. अखंड ज्योति को देखने के लिए भक्त देशभर से बद्रीनाथ धाम आते हैं. बद्रीविशाल के साथ अखंड ज्योति शीतकाल में भी जलती रहती है. इससे ये पता चलता है कि बद्रीनाथ में शीतकाल में भी देवताओं द्वारा पूजा की जाती है.

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भगवान विष्णु की कृपा पाने का एक आसान रास्ता बद्रीनाथ से होकर जाता है. कहते हैं जो भी भक्त श्री हरि विष्णु की कृपा पाने के लिए पूरी श्रद्धा से बद्रीनाथ पहुंचते हैं, भगवान विष्णु उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं.

जानें, क्या है बद्रीनाथ का महत्व-

बद्रीनाथ चार धाम में से एक प्रमुख धाम माना जाता है. ये हिमालय की पर्वत श्रेणी में अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है. यहां पर जंगली बेरियां बहुतायात में मिलती हैं, उन्हीं के नाम पर इस स्थान का नाम बद्रीनाथ पड़ा है. ये मुख्य रूप से भगवान विष्णु का मंदिर है. यहां पर नर और नारायण की उपासना की जाती है. ये मंदिर तीन भागों में विभाजित है- गर्भगृह, दर्शनमण्डप और सभामंडप.

बद्रीनाथ मंदिर की खासियत-

- बद्रीनाथ मंदिर परिसर में 15 मूर्तियां हैं, इनमें सब से प्रमुख भगवान विष्णु की मूर्ति है.

- भगवान की मूर्ति 1 मीटर ऊंची काले पत्थर की है.

- यहां भगवान विष्णु ध्यान मग्न मुद्रा में सुशोभित हैं, जिनके दाहिनी तरफ कुबेर लक्ष्मी और नारायण की मूर्तियां हैं.

श्री विशाल बद्री की महिमा-

बद्रीनाथ धाम में श्री बद्रीनारायण के पांच स्वरूपों की पूजा अर्चना होती है. श्री विष्णु के इन पांच रूपों को ‘पंच बद्री’ के नाम से जाना जाता है. बद्रीनाथ के मुख्य मंदिर के अलावा अन्य चार बद्रियों के मंदिर भी यहां स्थापित है. श्री विशाल बद्री पंच बद्रियों में से मुख्य है. इनकी देव स्तुति का पुराणों में विशेष वर्णन किया गया है. श्री योगध्यान बद्री, श्री भविष्य बद्री, श्री वृद्घ बद्री, श्री आदि बद्री यहां हैं. माना जाता है कि इन सभी रूपों में भगवान बद्रीनाथ यहां निवास करते हैं.

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श्री बद्रीनाथ का आशीर्वाद पाने के लिए बद्री विशाल के दर्शन करने बड़ी संख्या में भक्त यहां पहुंचते हैं. अगले 6 महीने तक अब श्री बद्रीनारायण यहां भक्तों को दर्शन देंगे और उनके कष्ट हरेंगे.

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