जानिए- क्या है भगवान विष्णु के नाम 'नारायण' और 'हरि' का रहस्य?

भगवान विष्णु को 'नारायण' और 'हरि' भी कहते हैं. आइए जानते हैं भगवान विष्णु को इन नामों से क्यों बुलाया जाता है....

Advertisement
भगवान विष्णु भगवान विष्णु

प्रज्ञा बाजपेयी

  • नई दिल्ली,
  • 12 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 5:36 PM IST

पुराणों में भगवान विष्णु के दो रूप बताए गए हैं. एक रूप में तो उन्हें बहुत शांत, प्रसन्न और कोमल बताया गया है और दूसरे रूप में प्रभु को बहुत भयानक बताया गया है. जहां श्रीहरि काल स्वरूप शेषनाग पर आरामदायक मुद्रा में बैठे हैं. लेकिन प्रभु का रूप कोई भी हो, उनका ह्रदय तो कोमल है और तभी तो उन्हें कमलाकांत और भक्तवत्सल कहा जाता है.

Advertisement

कहा जाता है कि भगवान विष्णु का शांत चेहरा कठिन परिस्थितियों में व्यक्ति को शांत रहने की प्रेरणा देता है. समस्याओं का समाधान शांत रहकर ही सफलतापूर्वक ढूंढा जा सकता है. शास्त्रों में भगवान विष्णु के बारे में लिखा है.

"शान्ताकारं भुजगशयनं"। पद्मनाभं सुरेशं ।

विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम् ।

इसका अर्थ है भगवान विष्णु शांत भाव से शेषनाग पर आराम कर रहे हैं. भगवान विष्णु के इस रूप को देखकर मन में ये प्रश्न उठता है कि सर्पों के राजा पर बैठकर कोई इतना शांत कैसे रह सकता है? लेकिन वो तो भगवान हैं और उनके लिए सब कुछ संभव है. श्री विष्णु के पास कई अन्य शक्तियां हैं, जो आपको आश्चर्यचकित कर सकती हैं.

भगवान विष्णु के 'नारायण' नाम का रहस्य क्या है?

भगवान विष्णु अपने भक्तों पर हर रूप और हर स्वरूप से कृपा बरसाते हैं और इसीलिए वो जगत के पालनहार कहलाते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भगवान विष्णु का नाम नारायण क्यों है? उनके भक्त उन्हें नारायण क्यों बुलाते हैं?

Advertisement

एक पौराणिक कथा के अनुसार पानी का जन्म भगवान विष्णु के पैरों से हुआ है. पानी को "नीर" या "नर" भी कहा जाता है. भगवान विष्णु भी जल में ही निवास करते हैं. इसलिए "नर" शब्द से उनका नारायण नाम पड़ा है. इसका अर्थ ये है कि पानी में भगवान निवास करते हैं. इसीलिए भगवान विष्णु को उनके भक्त 'नारायण' नाम से बुलाते हैं.

भगवान विष्णु के "हरि" नाम का रहस्य-

भगवान विष्णु को "हरि" नाम से भी बुलाया जाता है. हरि की उत्पत्ति हर से हुई है. ऐसा कहा जाता है कि "हरि हरति पापानि" जिसका अर्थ है हरि भगवान हमारे जीवन में आने वाली सभी समस्याओं और पापों को दूर करते हैं. इसीलिए भगवान विष्णु को हरि भी कहा जाता है, क्योंकि सच्चे मन से श्रीहरि का स्मरण करने वालों को कभी निऱाशा नहीं मिलती है. कष्ट और मुसीबत चाहें जितनी भी बड़ी हो श्रीहरि सब दुख हर लेते हैं.

भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए ये उपाय करें-

- गुरुवार के दिन स्नान के बाद पीला वस्त्र धारण करें.

- भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें.

- पूजा में पीले फूलों का प्रयोग करें.

- भगवान विष्णु के सामने घी का दीपक जलाएं.

- भगवान विष्णु के किसी भी मंत्र का जाप करें.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement