सऊदी अरब को 'उदार इस्लाम' की तरफ ले जाएंगे प्रिंस

हम वापस उसी तरफ लौट रहे हैं- एक उदार इस्लाम की ओर जो पूरी दुनिया और सभी धर्मों के लिए खुला हुआ है. सऊदी की जनसंख्या में 70% 30 से नीचे की आबादी है. हम अपने 30 साल कट्टरपंथी विचारधारा से लड़ने में नहीं गंवाना चाहेंगे. अब हम इसे जल्द खत्म करेंगे.

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खत्म होगा कट्टर इस्लाम? खत्म होगा कट्टर इस्लाम?

प्रज्ञा बाजपेयी

  • नई दिल्ली,
  • 25 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 4:42 PM IST

सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने देश को उदार इस्लाम की तरफ ले जाने की बात कही है. उन्होंने सऊदी अरब को कट्टर इस्लामिक विचारधारा से एक खुले समाज की तरफ ले जाने के लिए वैश्विक समर्थन भी मांगा.

प्रिंस ने कहा कि तमाम रूढ़िवादियों से घिरे सऊदी अरब सामान्य राज्य नहीं रह गया है.

उन्होंने कहा, "पिछले 30 सालों में जो कुछ भी हुआ, वह सऊदी अरब की पहचान नहीं है. पिछले 30 सालों में जो कुछ इस क्षेत्र में हुआ, वह मध्य-पूर्व की पहचान नहीं है. 1979 के ईरानी क्रान्ति के बाद कई देशों के लोग इस मॉडल को कॉपी करना चाहते थे, उनमें से एक सऊदी अरब भी था. अब इससे छुटकारा पाने का वक्त आ गया है."

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प्रिंस मोहम्मद ने कहा, "हम वापस उसी तरफ लौट रहे हैं- एक उदार इस्लाम की ओर जो पूरी दुनिया और सभी धर्मों के लिए खुला हुआ है. सऊदी की जनसंख्या में 70% 30 से नीचे की आबादी है. हम अपने 30 साल कट्टरपंथी विचारधारा से लड़ने में नहीं गंवाना चाहेंगे. अब हम इसे जल्द खत्म करेंगे.

प्रिंस मोहम्मद ने कहा, "हम जी-20 देश हैं. दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक. हम तीन महाद्वीपों के मध्य में हैं. सऊदी में बदलाव लाने का मतलब है कि क्षेत्र और पूरी दुनिया की मदद करना. इसीलिए हम उदार इस्लाम की दिशा में आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि हमें सभी से सहयोग मिलेगा."

प्रिंस का यह बयान कट्टरपंथी इस्लामिक विचारधारा पर बड़े हमले के तौर पर देखा जा रहा है. पिछले कुछ दशकों से सऊदी अरब के राजशाही पर कट्टर इस्लाम को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहा है.

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हाल ही में सऊदी अरब में महिलाओं को गाड़ी चलाने की मंजूरी देने की घोषणा की थी. शहजादे सलमान के कई फैसलों से उनकी छवि एक बोल्ड और उदार सुधारक के तौर पर उभरी है.

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