कैलाश मानरोवर के लिए पहला जत्था रवाना

विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह ने इस वर्ष के कैलाश मानसरोवर यात्रा के श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को सोमवार को नई दिल्ली से रवाना किया. पहले जत्थे में 60 श्रद्धालु शामिल हैं जो लिपुलेख दर्रे के रास्ते कैलाश मानसरोवर पहुंचेंगे. यहां लिपुलेख दर्रे (उत्तराखंड) और नाथु ला दर्रे (सिक्किम) के जरिए पहुंचने के दो रास्ते हैं.

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फाइल फोटो फाइल फोटो

प्रज्ञा बाजपेयी

  • नई दिल्ली,
  • 11 जून 2018,
  • अपडेटेड 4:00 PM IST

विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह ने इस वर्ष के कैलाश मानसरोवर यात्रा के श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को सोमवार को नई दिल्ली से रवाना किया. पहले जत्थे में 60 श्रद्धालु शामिल हैं जो लिपुलेख दर्रे के रास्ते कैलाश मानसरोवर पहुंचेंगे. यहां लिपुलेख दर्रे (उत्तराखंड) और नाथु ला दर्रे (सिक्किम) के जरिए पहुंचने के दो रास्ते हैं.

सिंह ने बताया कि इस साल कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए 3734 आवेदन प्राप्त हुए थे. ड्रा के बाद करीब 1500 लोगों को यात्रा के लिए चुना गया.

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उन्होंने बताया कि 60-60 श्रद्धालुओं के 18 जत्थे लिपुलेख दर्रे के जरिये कैलाश मानसरोवर पहुंचेंगे. वहीं , 50-50 श्रद्धालुओं के 10 जत्थे नाथु ला दर्रे से कैलाश मानसरोवर पहुंचेंगे.

इस यात्रा को लिपुलेख दर्रे से पूरा करने में प्रत्येक जत्थे को 24 दिन लगेंगे, जिसमें दिल्ली में तैयारी करने के तीन दिन शामिल हैं.

नाथु ला दर्रे के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा 21 दिन में पूरी हो जाती है जिसमें दिल्ली में तैयारी के तीन दिन शामिल हैं. यह रास्ता मोटर के जरिये तय किया जा सकता है. यह उन बुजुर्गों के लिए सुविधाजनक है जो ट्रैकिंग नहीं करते हैं.

सिंह ने बताया कि इस बार दो अनुभवी संपर्क अधिकारी भी साथ रहेंगे. इन अधिकारियों को रास्ते की बेहतर जानकारी है और वह बुजुर्गों की देखरेख भी करेंगे.

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