बंजारीधाम मंदिर में कार्ड से दें दान...

नोटबंदी का असर अब मंदिरों में चढ़ने वाले भेंट पर भी दिखने लगा है. रायपुर के एक मंदिर में चढ़ावा चढ़ाने के लिए स्वाइप मशीन की व्यवस्था की गई है. आइये जानते हैं उस मंदिर के बारे में और यह भी जानते हैं कि मंदिर में आख‍िर ऐसी व्यवस्था क्यों की गई

Advertisement
banjaari temple banjaari temple

मेधा चावला

  • नई दिल्ली,
  • 30 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 7:35 PM IST

अगर आप धार्मिक प्रवृत्त‍ि के हैं और आप रोजाना मंदिर में बड़ा-छोटा चढ़ावा चढ़ाते रहते हैं, पर इन दिनों नोटबंदी की वजह से मंदिर में भेंट नहीं चढ़ा पा रहे हैं, तो यह खबर आपको जरूर पढ़नी चाहिए. रायपुर के एक नामी मंदिर बंजारीधाम में भेंट चढ़ाने के लिए स्वाइपिंग मशीन का इंतजाम किया गया है.

बुरी नजर, बुरे ग्रहों से बचाएगी काली हल्दी

Advertisement

दरअसल, नोटबंदी के बाद 15 नवंबर से मंदिर के ट्रस्ट ने 500 और 1000 के नोट भेंट स्वरूप लेने पर पाबंदी लगा दी है. दूर-दराज से आने वाले मां के भक्त अब स्वाइपिंग मशीन के जरिये ही दान दे रहे हैं. अब मंदिर में स्वैपिंग मशीन के जरिये हजारों की भेंट आ रही है. मंदिर ट्रस्ट का इस बारे में कहना है कि इससे पारदर्शिता तो बढ़ेगी ही, साथ में कैशलेस चढ़ावे से भक्तों को भी राहत मिल रही है. मुंबई हावड़ा नेशनल हाइवे पर स्थित बंजारीधाम में रोजाना हजारों श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए आते हैं.

मंगल ग्रह की पूजा करने से प्रसन्न होते हैं हनुमान जी...

नोटबंदी के पहले भक्तों के हाथों में एक, दो या पांच का सिक्का हुआ करता था. लेकिन अब ATM कार्ड दिखाई दे रहे हैं. स्वाइपिंग मशीन के जरिये वो मां को भेंट दे रहे हैं. इसके लिए मंदिर के पुजारी को भी प्रशिक्षित किया गया है. पंडित जी स्वाइपिंग के दौरान भक्तों की मदद करते हैं. भक्तों को दान दी गई रकम और चढ़ावे की रशीद भी हाथों हाथ मिल रही है. नोटबंदी के शुरुआती दौर में मंदिर में 500 और 1000 के नोट स्वीकार किये जाते थे. लेकिन हप्ते भर बाद जब मंदिर प्रशासन ने इस पर पाबन्दी लगा दी तो भक्त मायूस हो गए. पाबन्दी के चलते ना तो भक्त मंदिर में दान कर पा रहे थे और ना ही उनके पास चेंज जैसे कि एक, दो और पांच रुपये होते थे, ताकि वो आरती में चढ़ा सकें. भक्तों की मांग पर मंदिर ट्रस्ट ने स्वाइपिंग मशीन लगाने का फैसला किया. अब स्वाइपिंग मशीन लगने के बाद भक्त भी खुश है और मंदिर प्रशासन भी.

Advertisement

जानें फतेहगढ़ साहिब में ही क्यों की युवराज ने शादी

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement