आचार्य चाणक्य अपनी चतुराई और बुद्धिमानी से सामने वाले व्यक्ति को अपने वश में कर लेते थे. उन्होंने अपने नीति ग्रंथ यानी चाणक्य नीति में लोगों को वश में करने के तरीकों का वर्णन किया है. आइए जानते हैं उन नीतियों के बारे में...
लुब्धमर्थेन गृह्णीयात् स्तब्धमंजलिकर्मणा।
मूर्खं छन्दानुवृत्त्या च यथार्थत्वेन पण्डितम्।।
> आचार्य चाणक्य इस श्लोक में सबसे पहले लालची व्यक्ति को वश में करने के तरीके बताते हैं. वो बताते हैं कि अगर आप किसी लालची व्यक्ति को अपने वश में करना चाहते हों तो उस व्यक्ति को आप थोड़ा ही सही, धन-पैसा दे दीजिए. इसके बाद वो खुद को आपको समर्पित कर देगा.
> वहीं, अगर अभिमानी और घमंडी व्यक्ति के सामने हाथ जोड़कर या उसे सम्मान देकर अपने वश में कर सकते हैं.
> किसी मूर्ख से आपका सामना हो तो उसे उसी की तरह बात करके, उसी के अंदाज में जवाब देकर या व्यवहार करके उसे अपने वश में कर सकते हैं. इसके अलावा उसकी झूठी तारीफ करके भी वश में किया जा सकता है.
> अंत में आचार्य चाणक्य ने कहा है कि अगर किसी ज्ञानी व्यक्ति को अपने वश में करना चाहते हैं तो उसके समाने झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए. उसके सामने केवल सच बोलना चाहिए. सच बोलने से विद्वान आपके वश में हो जाएगा.
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