कब है परिवर्तिनी एकादशी? जानें इस व्रत का महत्व और पूजा विधि

परिवर्तिनी एकादशी भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी पर मनाई जाती है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. परिवर्तिनी एकादशी का व्रत सभी प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना गया है. पुराणों के अनुसार इस एकादशी पर भगवान विष्णु विश्राम के दौरान करवट बदलते हैं.

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परिवर्तनी एकादशी के दिन करवट बदलते हैं भगवान विष्णु परिवर्तनी एकादशी के दिन करवट बदलते हैं भगवान विष्णु

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 3:09 PM IST
  • परिवर्तिनी एकादशी पर होती है विष्णु भगवान की पूजा
  • इस दिन विश्राम के दौरान करवट बदलते हैं श्री हरि
  • इस व्रत को करने से पूरी होती है मनोकामना

Parivartini Ekadashi: परिवर्तिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है. भाद्रपद शुक्ल पक्ष की इस एकादशी को पद्मा एकादशी भी कहा जाता है. मान्यता है कि इस एकादशी पर भगवान विष्णु विश्राम के दौरान करवट बदलते हैं. इसलिए इस एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है. इस बार परिवर्तिनी एकादशी 29 अगस्त को शनिवार के दिन मनाई जाएगी. 

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परिवर्तिनी एकादशी की पूजा विधि

प्रातःकाल स्नान करके सूर्य देवता को जल अर्पित करें. इसके बाद पीले वस्त्र धारण करके भगवान विष्णु और गणेश जी की पूजा करें. श्री हरि को पीले फूल, पंचामृत और तुलसी दल अर्पित करें. इस समय गणेश महोत्सव भी चल रहा होता है इसलिए ये व्रत गणेश जी और श्री हरि दोनों की कृपा दिलवा देता है.  गणेश जी को मोदक और दूर्वा अर्पित करें. पहले गणेश जी और तब श्री हरि के मन्त्रों का जाप करें किसी निर्धन व्यक्ति को जल का, अन्न-वस्त्र का, या जूते छाते का दान करें. इस दिन अन्न का सेवन नहीं किया जाता है, जलाहार या फलाहार ही ग्रहण करें.  


परिवर्तिनी एकादशी पर संतान प्राप्ति के उपाय

भगवान गणेश को अपनी उम्र के बराबर मोदक अर्पित करें. संतान गणपति स्तोत्र का पाठ करें  या "ॐ उमापुत्राय नमः" का जप करें. आर्थिक लाभ के लिए भगवान गणेश को एक मिट्टी या धातु का चूहा अर्पित करें. इसके बाद उन्हें पीले फूल और पीला प्रसाद अर्पित करें.  "ॐ श्रीं सौम्याय सौभाग्याय गं गणपतये नमः" का 108 बार जप करें. इसके बाद चूहे को अपने धन स्थान पर रखें.

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व्यापार में सफलता के लिए हल्दी से गणेश जी बनाएं और इन्हें मोदक, दूर्वा और बेलपत्र अर्पित करें. इन गणेश जी को व्यापार के स्थान पर स्थापित कर दें.

परिवर्तिनी एकादशी का महत्व

कहा जाता है कि परिवर्तिनी एकादशी का व्रत रखने से वाजपेय यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है और मनुष्य के सारे पाप नष्ट होते हैं. इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करना भी श्रेष्ठ माना जाता है. इस व्रत को करने से भौतिक सम्पन्नता मिलती है और परलोक में मुक्ति की प्राप्ति होती है. संतान सुख या धन की प्राप्ति के लिए यह व्रत अत्यंत कल्याणकारी माना जाता है. 

 

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