इन मंत्रों के जाप से होगी बिजनेस में तरक्की

नवग्रहों में बुध ग्रह को राजकुमार की उपाधि दी गई है. मनुष्य को किसी भी छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा काम करने में बुद्धि तो लगानी ही पड़ती है ऐसे में बुध ग्रह का मजबूत होना जरूरी है.

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इन मंत्रों के जाप से मिलेंगे बुध ग्रह के शुभ फल इन मंत्रों के जाप से मिलेंगे बुध ग्रह के शुभ फल

दीपल सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 10 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 12:28 PM IST

बुध को कई विशेष स्थितियों का कारक ग्रह माना गया है जैसे – वाणी का कारक, बुद्धि, त्वचा और दिमाग के तंत्रिका तंत्र का कारक. बुध ग्रह इनका मुख्य कारक होने के अलावा मनुष्य की व्यापारिक अवस्था में भी अहम भुमिका निभाता है.

आपकी कुंडली का बुध अशुभ है तो उसे शुभ दशा में लाना जरुरी है. इसके लिए बुध ग्रह के मंत्र जाप करने चाहिए. सुबह और शाम किसी भी समय ये मंत्र जाप किए जा सकते हैं. बुध के मंत्र कई प्रकार है. आप इनमें से किसी भी एक मंत्र का जाप रोज कर सकते हैं...

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बुध का वैदिक मंत्र:
ऊँ उद्बुध्यस्वाग्ने प्रतिजागृहि त्वमिष्टापूर्ते स सृजेथामयं च।
अस्मिन्त्सधस्थे अध्युत्तरस्मिन्विश्वे देवा यजमानश्च सीदत।।

बुध गायत्री मंत्र:
ऊँ चन्द्रपुत्राय विदमहे रोहिणी प्रियाय धीमहि तन्नोबुध: प्रचोदयात।

बुध का पौराणिक मंत्र:
प्रियंगुकलिकाश्यामं रुपेणाप्रतिमं बुधम।
सौम्यं सौम्यगुणोपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहम।।

बुध गायत्री मंत्र:
ऊँ चन्द्रपुत्राय विदमहे रोहिणी प्रियाय धीमहि तन्नोबुध: प्रचोदयात।

बुध का नाम मंत्र:
ऊँ बुं बुधाय नम:।

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