Vrishabh Sankranti 2023: आज है वृषभ संक्रांति, जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और खास उपाय

Vrishabh Sankranti 2023: सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति कहते हैं. सूर्य साल भर में 12 बार राशि परिवर्तन करता है. सूर्य 15 मई यानी आज वृषभ राशि में गोचर करेंगे. कहते हैं इस दिन यदि पितरों के लिए तर्पण, दान, धर्म, स्नान, आदि किया जाए तो व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है.

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वृषभ संक्रांति 2023 वृषभ संक्रांति 2023

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 मई 2023,
  • अपडेटेड 7:00 AM IST

Vrishabh Sankranti 2023: सूर्य का किसी राशि में प्रवेश संक्रांति कहलाता है. जब सूर्य वृषभ राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे वृषभ संक्रांति कहा जाता है. वृषभ राशि शुक्र की पृथ्वी तत्व की राशि है और इसमें सूर्य का प्रवेश विशेष परिणाम पैदा करता है. सूर्य ने आज वृषभ राशि में प्रवेश कर लिया है इसलिए यह परिवर्तन 15 मई से 15 जून तक रहेगा. इस महीने मेष, वृषभ, तुला, वृश्चिक  राशि वालों को विशेष सावधान रहना होगा. 

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वृषभ संक्रांति का महत्व (Vrishabh Sankranti 2023 Significance)

संक्रांति का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया गया है. कहते हैं इस दिन यदि पितरों के लिए तर्पण, दान, धर्म, स्नान, आदि किया जाए तो व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है. ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को जगत की आत्मा का कारक माना गया है. जिन व्यक्तियों की कुंडली में सूर्य अनुकूल स्थिति में होता है उन्हें समाज में मान सम्मान और जीवन में तमाम तरह के सुखों की प्राप्ति होती है.

वृषभ संक्रांति शुभ मुहूर्त (Vrishabh Sankranti 2023 Shubh Muhurat)

वृषभ संक्रांति 15 मई 2023 यानी आज मनाई जा रही है. वृषभ संक्रांति पर पुण्य काल का समय सुबह 05 बजकर 31 मिनट पर शुरू हो चुका है. जो 11 बजकर 58 मिनट तक रहेगा. वहीं, महापुण्य काल का समय 09 बजकर 42 मिनट से सुबह 11 बजकर 58 मिनट तक होगा. इस शुभ मुहूर्त में पूजा करने से विशेष लाभ मिलते हैं.

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वृषभ संक्रांति पूजन विधि (Vrishabh Sankranti Pujan Vidhi)

वृषभ संक्रांति के दिन व्रत और पूजा का विशेष नियम बताया गया है. इस दिन पूजा पाठ करें, अपनी यथाशक्ति अनुसार व्रत, दान, पुण्य, करें. ऐसा करने से जीवन में यश और वैभव की प्राप्ति होती है. वृषभ संक्रांति के दिन भगवान शिव के रूद्र रूप और सूर्य देवता की पूजा का विधान बताया गया है. सुबह जल्दी उठकर सूर्य देवता को अर्घ्य अवश्य दें. ऐसा करने से सूर्यनारायण भगवान की कृपा आपके जीवन में हमेशा बनी रहेगी साथ ही कुंडली में मौजूद सूर्य से उत्पन्न दोष भी दूर होंगे.

कहते हैं इस दिन सूर्य देवता अपनी उच्च राशि मेष से निकलकर वृषभ में प्रवेश करते हैं. साथ ही इस दिन सूर्य देवता 15 दिनों के लिए रोहिणी नक्षत्र में भी होते हैं और शुरुआती 9 दिनों में तेज गर्मी की वजह बनते हैं. 

वृषभ संक्रांति के उपाय (Vrishabh Sankranti Upay)

1. इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें और जितना हो सके इस दौरान जमीन पर ही सोएं.
2. जरूरतमंद लोगों को दान करें.
3. भगवान सूर्य, विष्णु और शिव जी की पूजा करें.
4. पितरों की आत्मा शांति के लिए तर्पण करें.
5. गाय माता का दान करें या फिर किसी गौशाला में गायों के लिए जरूरी सामान का दान करें. 

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