Vastu Tips: हर व्यक्ति यह चाहता है कि उसके आशियाने यानी घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे. लोग इसी पॉजिटिव एनर्जी के लिए वास्तु से जुड़े कई उपाय भी करते हैं. इसी में सबसे महत्वपूर्ण कहलाता है आईना यानी शीशा. वास्तु शास्त्र में शीशे से संबंधित बहुत सारे नियमों और उपायों का उल्लेख किया गया है. माना जाता है कि शीशा अगर घर की सही दिशा में लगाया जाए तो इससे धन-दौलत का आगमन होता है और गलत दिशा में लगाया गया शीशा आर्थिक कंगाली और वास्तु दोष लाता है. तो चलिए वास्तु शास्त्र के अनुसार, जानते हैं कि घर की किस दिशा में शीशा लगाना चाहिए और किस दिशा में शीशा नहीं लगाना चाहिए.
शीशे की सही दिशा
1. उत्तर दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की उत्तर दिशा में शीशा लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है. दरअसल, उत्तर दिशा कुबेर देवता की मानी जाती है. इस दिशा की दीवार पर शीशा लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. इसके अलावा, पैसों और धनखर्च से जुड़ी सभी समस्याओं से निजात मिलता है.
2. पूर्व दिशा
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर की पूर्व दिशा में भी शीशा लगाना बहुत ही लाभकारी माना जाता है. यह दिशा जीवन में पॉजिटिव एनर्जी लाती है और जीवन की सभी समस्याएं भी दूर हो जाती हैं.
3. पश्चिम दिशा
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर की पश्चिम दिशा में शीशा लगाने से पैसों की स्थिति अच्छी हो जाती है. साथ ही, रिश्ते, पारिवारिक सामंजस्य और दांपत्य जीवन से जुड़ी समस्याएं भी दूर होती हैं. इनके अलावा, किचन के सामने भी शीशा कभी नहीं लगाना चाहिए वरना धन खर्च से जुड़ी बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
शीशा लगाने की अशुभ दिशा
दक्षिण दिशा- वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण दिशा यम की दिशा मानी जाती है. और इस दिशा में घर से जुड़ी कोई भी चीज स्थापित नहीं करनी चाहिए. साथ ही, इस दिशा में शीशा लगाने से कैश फ्लो ज्यादा होने लगता है. धन की स्थिरता में भी रुकावट आने लगती है और रिश्ते भी खराब होने लगते हैं.
शीशा लगाने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, घर में लगे शीशा 4 फीट से कम यानी 1 से 2 फीट का होना चाहिए. इसके अलावा, शीशे को हमेशा साफ-सुथरा ही रखें. घर का टूटा हुआ शीशा कभी भी धुंधला नहीं होना चाहिए.
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