Tulsi Vivah 2025: इस शुभ योग में होगा तुलसी माता का विवाह, नोट कर लें सही पूजन मुहूर्त

Tulsi Vivah 2025: तुलसी विवाह का दिन इस बार बहुत ही शुभ और लाभकारी माना जा रहा है. क्योंकि इस दिन त्रिपुष्कर और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण होने जा रहा है. तो चलिए जानते हैं कि तुलसी विवाह किस मुहूर्त में कराया जाएगा.

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तुलसी विवाह 2025 शुभ योग (Photo: AI Generated) तुलसी विवाह 2025 शुभ योग (Photo: AI Generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:21 PM IST

Tulsi Vivah 2025: हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को तुलसी विवाह होता है. तुलसी विवाह के इस पावन अवसर पर भगवान शालिग्राम (श्रीहरि) और माता तुलसी का दिव्य मिलन होता है. इस बार तुलसी विवाह 2 नवंबर को मनाया जाएगा.

पौराणिक कथाओं के अनुसार, तुलसी जी का पिछला जन्म वृंदा के रूप में हुआ था. देवी वृंदा जालंधर की पत्नी थीं, जिनके साथ भगवान विष्णु ने छल किया था. इस कारण देवी वृंदा ने उन्हें श्राप दिया कि वे पत्थर बन जाएंगे. इसी श्राप के प्रभाव से भगवान विष्णु शालिग्राम जी के रूप में पूजे जाते हैं. तुलसी विवाह की पूजा इसी मायने में कराई जाती है कि भगवान विष्णु और तुलसी जी की यह आध्यात्मिक जड़ जुड़ी हुई है. तो चलिए जानते हैं कि तुलसी विवाह की किन शुभ योगों में पूजा होगी.  

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तुलसी विवाह तिथि (Tulsi Vivah 2025 Tithi & Date)

हिंदू पंचांग के अनुसार, तुलसी विवाह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है. इस बार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि 2 नवंबर को सुबह 7 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 3 नवंबर को सुबह 5 बजकर 07 मिनट पर होगा. इसी वजह से माता तुलसी और भगवान शालिग्राम का विवाह 2 नवंबर को ही किया जाएगा.

तुलसी माता और शालिग्राम विवाह 2025 शुभ योग (Tulsi Vivah 2025 Shubh Yog)

इस बार तुलसी विवाह के दिन 2 शुभ योगों का निर्माण होने वाला है. द्रिक पंचांग के अनुसार, 2 नवंबर को दोपहर करीब 1 बजे से लेकर रात 10 बजकर 33 मिनट तक त्रिपुष्कर योग रहने वाला है.

दूसरा मुहूर्त सर्वार्थसिद्धि योग होगा, जो कि रात 10 बजकर 34 मिनट से अगले दिन सुबह 5 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. इन योगों में तुलसी माता और भगवान शालिग्राम का विवाह करवाया जा सकता है.

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कैसे कराया जाए तुलसी विवाह (Tulsi Vivah 2025 Vidhi)

तुलसी विवाह के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. इसके बाद तुलसी के पौधे को गंगाजल से स्नान कराएं और गमले को साफ करके उस पर हल्दी, रोली और चंदन लगाएं. फिर तुलसी माता को चुनरी ओढ़ाएं और सुहाग का सामान जैसे चूड़ी, बिंदी, सिंदूर आदि अर्पित करें. भगवान विष्णु या शालिग्राम जी को तुलसी के पास बैठाकर दोनों का विवाह कराएं. दीपक जलाकर मंत्र या भजन के साथ पूजा करें. पूजा के बाद आरती करें, प्रसाद बांटें और परिवार सहित आशीर्वाद लें. इस दिन व्रत रखकर शाम को भोजन करना शुभ माना जाता है.  इससे घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है.

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