Surya Grahan 2024 : साल का आखिरी सूर्य ग्रहण हुआ समाप्त, जानें- किन देशों में आया नज़र

Surya Grahan 2024 Live Updates: साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 2 अक्तूबर की रात 09 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगा. वहीं सूर्य ग्रहण का मध्य काल रात्रि 12 बजकर 15 मिनट बजे होगा और सूर्य ग्रहण का समापन 3 अक्तूबर की रात 3 बजकर 17 मिनट पर होगा.

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इस बार सूर्य ग्रहण पर 9 साल बाद एक बड़ा ही दुर्लभ संयोग बन रहा है इस बार सूर्य ग्रहण पर 9 साल बाद एक बड़ा ही दुर्लभ संयोग बन रहा है

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 3:38 AM IST

Surya Grahan 2024: बुधवार 2 अक्तूबर की रात साल का आखिरी सूर्य ग्रहण शुरू हो गया है. यह ग्रहण 2 अक्तूबर की रात 09 बजकर 12 मिनट पर शुरू हुआ. वहीं सूर्य ग्रहण का मध्य काल रात्रि 12 बजकर 15 मिनट बजे होगा और सूर्य ग्रहण का समापन 3 अक्तूबर की रात 3 बजकर 17 मिनट पर होगा. खास बात है कि यह ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा इसलिए भारत में इसका सूतक काल भी लागू नहीं हो रहा है. साल का यह आखिरी ग्रहण दक्षिणी अमेरिका के उत्तरी भागों, अर्जेंटीना, उरुग्वे, ब्यूनस आयर्स, प्रशांत महासागर, अटलांटिक, अंटार्कटिका, बेका आइलैंड, फ्रेंच पॉलिनेशिया महासागर, उत्तरी अमेरिका के दक्षिण भाग फिजी, न्यू चिली, ब्राजील, मेक्सिको और पेरू में कुछ जगहों पर नजर आएगा.

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हालांकि, सूर्य ग्रहण के दौरान कई नियमों का पालन करना जरूरी होता है. लेकिन यह ग्रहण भारत में नजर नहीं आ रहा है इसलिए इसका प्रभाव भी नहीं रहेगा. सभी दैनिक कार्य सामान्य तौर पर जैसे किए जाते हैं वैसे ही किए जाएंगे. ग्रहण को लेकर पढ़िए लाइव अपडेट्स.

Surya Grahan 2024 Live Updates: 

रात 11 बजकर 50 मिनट- सूर्य ग्रहण के बाद दान जरूर करना चाहिए.  अपने सामर्थ्य से गरीबों की मदद करनी चाहिए. ऐसा करने से ग्रहण के दुष्‍प्रभावों से बचाव होता है . ग्रहण खत्म होने के बाद घर में झाड़ू लगाएं.

रात 11 बजकर 35 मिनट- ज्योतिषविदों के अनुसार, सूर्य ग्रहण पर 9 साल बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है. इस बार सूर्य ग्रहण पर सर्वपितृ अमावस्या और गजच्छाया योग लगा है. जब पितृपक्ष की त्रयोदशी को सूर्य हस्त नक्षत्र और चंद्रमा मघा नक्षत्र में होता है या पितृपक्ष की अमावस्या को सूर्य और चंद्रमा दोनों हस्त नक्षत्र में होते हैं, तब गजच्छाया योग बनता है.

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रात 11 बजकर 15 मिनट- वैज्ञानिकों के अनुसार, कभी नग्न आंखों से सूर्य ग्रहण को नहीं देखना चाहिए. इससे निकलने वाली हानिकारक किरणें आंखों को गंभीर नुकसान पहुंचा देती हैं. सूर्य ग्रहण को देखने के लिए खास तरह के ग्लास या चश्मे का इस्तेमाल करना चाहिए.

रात 10 बजकर 50 मिनट- खगोलविदों की मानें तो सूर्य ग्रहण उस स्थिति को कहा जाता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा सीधी रेखा में होते हैं और चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है. इस वजह से सूरज की किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती हैं. नतीजन पृथ्वी के एक भाग पर पूरी तरह से अंधेरा छा जाता है.

रात 10 बजकर 40 मिनट-  सूर्य ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरत मंदों को वस्त्र दान देने से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है.

रात 10 बजकर 25 मिनट- यह ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा लेकिन इसे अमेरिका के उत्तरी भागों, अर्जेंटीना, उरुग्वे, ब्यूनस आयर्स, प्रशांत महासागर, अटलांटिक, अंटार्कटिका, बेका आइलैंड, फ्रेंच पॉलिनेशिया महासागर, उत्तरी अमेरिका के दक्षिण भाग फिजी, न्यू चिली, ब्राजील, मेक्सिको और पेरू में कुछ जगहों पर देखा जा सकेगा.

रात 10 बजकर 10 मिनट- सूर्य ग्रहण के बाद पूरे घर को गंगाजल छिड़क कर शुद्ध करना चाहिए. ऐसा करने से ग्रहण की वजह से आई सभी नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं.

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रात 9 बजकर 50 मिनट- मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान भगवान के मंत्रों का जप करते रहना चाहिए, ऐसा करना दस गुना फलदायी माना जाता है.

रात 9 बजकर 30 मिनट- सूर्य ग्रहण के दौरान तुलसी के पौधे को कभी नहीं छूना चाहिए. नुकीले या धारदार उपकरणों के प्रयोग से भी बचाव करना चाहिए.

रात 9 बजकर 12 मिनट- भारतीय समय के अनुसार साल के आखिरी सूर्य ग्रहण की शुरुआत हो गई है.

रात 9 बजकर 10 मिनट-  सूर्य ग्रहण के दौरान किसी भी नए या शुभ कार्य की शुरुआत नहीं करनी चाहिए. मान्यता है कि ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा अधिक रहती है. आपको नुकसान हो सकता है.

रात 8 बजकर 50 मिनट-  सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन बना रहे हैं तो उसमें तुलसी का पत्ता डाल लेना चाहिए. ऐसा करने से भोजन पर ग्रहण का प्रभाव नहीं होता है.

रात 8 बजकर 30 मिनट- सूर्य ग्रहण के दौरान सुनसान जगह या श्मशान के पास जाने से बचना चाहिए. इस दौरान नकारात्मक शक्तियां काफी ज्यादा हावी रहती हैं.

रात 8 बजकर 10 मिनट-  सूर्य ग्रहण जिस समय प्रभावी हो उस समय भोजन ग्रहण करने से बचना चाहिए. इसके साथ ही इस दौरान क्रोध से भी दूर रहना चाहिए.

शाम 7 बजकर 50 मिनट- किसी की भी कुंडली में कहीं पर भी पूरे 12 भाव में सूर्य राहू या सूर्य केतु बैठे हैं, उन्हें आज ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का पाठ जरूर करना चाहिए. 

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शाम 7 बजकर 30 मिनट- सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आ रहा है. इसी वजह से ही सूतक का कोई भी नियम मान्य नहीं है. गर्भवती महिला हो या बच्चे व बुजुर्ग सभी लोग अपना सामान्य जीवन जी सकते हैं. ग्रहण के दौरान मंदिर के कपाट भी बंद नहीं किए जाएंगे. 

शाम 7 बजकर 10 मिनट-  शास्त्रों के अनुसार, सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले ही सूतक काल लागू हो जाता है. भारत में साल का आखिरी सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं दे रहा है, इसी वजह से इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. 

 

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