Shardiya Navratri 2025 Day 2 Puja: शारदीय नवरात्र का दूसरा दिन कल, जानें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा कैसे करें

Shardiya Navratri 2025 Day 2 Puja: शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मंगलवार को मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाएगी. जानें इस दिन की पूजा विधि, मंत्र, के बारे में

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मां ब्रह्मचारिणी की पूजा कल (Photo: Pexels) मां ब्रह्मचारिणी की पूजा कल (Photo: Pexels)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:34 AM IST

Shardiya Navratri 2025 Day 2 Puja: मंगलवार 23 सितंबर 2025 को शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन है. यह दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित होता है. देवी ब्रह्मचारिणी मां दुर्गा ने 9 रूपों में दूसरा रूप है. देवी ब्रह्मचारिणी का दूसरा रूप साधना, तपस्या और संयम का प्रतीक माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन की गई पूजा से ज्ञान, तप और वैराग्य की प्राप्ति होती है. चलिए जानते हैं कि नवरात्र के दूसरे दिन की पूजन सामग्री, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, भोग, मंत्र और आरती क्या है.

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मां ब्रह्मचारिणी पूजा शुभ मुहूर्त

ब्राह्म मुहूर्त: सुबह 04:54 बजे से सुबह 05:41 बजे तक. यह समय दिन की शुरुआत में पूजा करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है.

अभिजित मुहूर्त: दोपहर 12:08 बजे से दोपहर 12:56 बजे तक. यह समय भी मां की आराधना के लिए बहुत फलदायी माना जाता है.

संध्या मुहूर्त: शाम 06:35 बजे से शाम 07:46 बजे तक. इस समय पूजा करने से मां ब्रह्मचारिणी की कृपा अधिक प्राप्त होती है.

मां ब्रह्मचारिणी पूजा विधि: नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने का विशेष महत्व है.  पूजा प्रारंभ करने से पहले मां ब्रह्मचारिणी की तस्वीर या प्रतिमा को स्वच्छ स्थान पर स्थापित करें. मां की तस्वीर को गंगाजल से स्नान कराएं. मां के चरणों में रोली, अक्षत (चावल) और पुष्प अर्पित करें. यह सम्मान और भक्ति का प्रतीक है. मां ब्रह्मचारिणी को फल, भोग और अन्य प्रसाद अर्पित करें. पूजा स्थल पर धूप और दीपक जलाएं. इससे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है. इसके बाद मां ब्रह्मचारिणी के मंत्रों का जाप करें. पूजा का समापन आरती से करें और मां से आशीर्वाद प्राप्त करें.

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मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप: मां ब्रह्मचारिणी का वाहन गाय है और उनका स्वरूप अत्यंत शांत, सरल और ध्यानमग्न होता है. माता सफेद वस्त्र धारण करती हैं, जो उनके शांत स्वभाव और पवित्रता का प्रतीक है. मां ब्रह्मचारिणी के दाएं हाथ में माला और बाएं हाथ में कमंडल होता है. माला को सतत भक्ति और ध्यान का प्रतीक माना जाता है. जबकि कमंडल तपस्या, संयम और आत्म-शुद्धि का प्रतीक है. उनका यह स्वरूप भक्तों को धैर्य, साधना और मानसिक स्थिरता की प्रेरणा देता है.

मां ब्रह्मचारिणी को अर्पित करें ये चीजें :मां ब्रह्मचारिणी की पूजा में उनकी प्रिय चीजें अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है. इससे मां की प्रसन्नता बढ़ती है और भक्तों की मनोकामनाएं जल्दी पूरी होती हैं. मां को चमेली का फूल चढ़ाने से वो प्रसन्न होती हैं. भोग में मां को दूध से बनी चीजें चढ़ाने से भी शुभ फल मिलता है. देवी को सफेद और पीला रंग अत्यंत प्रिय है. पूजा करते समय संभव हो तो इन रंगों के कपड़े पहनें.

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