Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्र में कल घटस्थापना के लिए मिलेंगे ये 2 शुभ मुहूर्त, नोट कर लें सही विधि

Shardiya Navratri 2025: इस साल शारदीय नवरात्र की शुरूआत 22 सितंबर से हो रही है. परंपराओं के अनुसार, नवरात्र के पहले दिन मां शैलापुत्री की पूजा के साथ घटस्थापना का विधान है. मान्यता है कि नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं.

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शारदीय नवरात्र 2025 कलश स्थापना का मुहूर्त (Photo: ITG) शारदीय नवरात्र 2025 कलश स्थापना का मुहूर्त (Photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:08 PM IST

Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्र का पर्व हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस साल यह पावन पर्व 22 सितंबर 2025 यानी कल शुरू हो रहा है. यह नौ दिन मां दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों की आराधना को समर्पित होते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इन दिनों की गई साधना से जातक को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है. माना जाता है कि स्वयं मां दुर्गा इन दिनों पृथ्वी पर निवास करती हैं और भक्तों के दुख-संकट दूर करती हैं.

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घटस्थापना शुभ मुहूर्त (Shardiya Navratri 2025 Ghatsthapna Shubh Muhurat)

नवरात्र की शुरुआत घटस्थापना से होती है. पंचांग के अनुसार, इस साल 22 सितंबर यानी कल सुबह 6 बजकर 09 मिनट से 08 बजकर 06 मिनट तक कलश स्थापना का शुभ समय रहेगा. इसके अलावा, अभिजीत मुहूर्त भी घटस्थापना के लिए श्रेष्ठ माना गया है, जो कि सुबह 11 बजकर 49 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक रहेगा. ऐसे में इस साल नवरात्र में कलश स्थापना के लिए 2 शुभ मुहूर्त मिलने वाले हैं.

इस तरह करें घटस्थापना (Shardiya Navratri 2025 Ghatsthapna Vidhi)

इस दिन सुबह स्नान आदि के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें. सात ही मंदिर की साफ-सफाई करें. कलश स्थापना के लिए घर की उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा को शुभ माना जाता है. कलश में साफ जल भरकर उसमें सिक्का, फूल और अक्षत डालें. इसके बाद कलश पर स्वास्तिक बनाएं और कलावा लपेटें. लाल चुनरी में नारियल को लपेट कर कलश के ऊपर रख दें. देसी घी का दीपक जलाकर मां दुर्गा की पूजा करें. व्रत कथा का पाठ करें. फल और मिठाई का भोग लगाएं.

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नवरात्र की प्रमुख तिथियां

शास्त्रों में नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना का विधान है. द्रिक पंचांग के अनुसार, 22 सितंबर को कलश स्‍थापना की जाएगी. साथ ही 30 सितंबर को महाअष्‍टमी, 1 अक्‍टूबर को महानवमी और 2 अक्‍टूबर को दशहरा पर्व मनाया जाएगा. 

हाथ में सवार होकर पधारेंगी मां दुर्गा

साल 2025 की शारदीय नवरात्र सोमवार से प्रारंभ हो रही है. इसलिए, इस साल मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर पधारेंगी. शास्त्रों में वर्णित है कि जब देवी हाथी पर सवार होती हैं, तो यह शुभ संकेत माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्र का आरंभ जिस वार से होता है, उसी आधार पर मां दुर्गा का वाहन तय होता है.

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