Sharad Purnima 2025: कल है शरद पूर्णिमा, इन 3 राशियों के लोग बनेंगे मालामाल

Sharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा की रात साल की सबसे पवित्र रात मानी जाती है. इस दिन खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखी जाती है क्योंकि कहा जाता है कि चंद्रमा की किरणों से उसमें अमृत का स्पर्श होता है.

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शरद पूर्णिमा की लकी राशियां (Photo: AI Generated) शरद पूर्णिमा की लकी राशियां (Photo: AI Generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 8:47 AM IST

Sharad Purnima 2025: 6 अक्टूबर यानी कल शरद पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा. आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. दरअसल, शरद ऋतु की पूर्णिमा महत्वपूर्ण तिथि है, इसी तिथि से शरद ऋतु का आरंभ होता है. ज्योतिषियों के अनुसार, ग्रहों और नक्षत्रों के नजरिए से इस बार शरद पूर्णिमा बहुत ही खास मानी जा रही है. दरअसल, चंद्रमा मीन राशि में प्रवेश करने वाले हैं जो कि बहुत ही विशेष माना जा रहा है. इसके अलावा, कल उत्तर भाद्रपद नक्षत्र और वृद्धि योग का संयोग बन रहा है. तो चलिए जानते हैं कि शरद पूर्णिमा से किन राशियों का अच्छा समय शुरू होने वाला है. 

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1. मेष

शरद पूर्णिमा मेष राशि वालों के लिए भाग्यशाली साबित हो सकती है. इस समय रुका हुआ पैसा वापस मिल सकता है और आर्थिक स्थिति मजबूत बनेगी.जो लोग बिजनेस कर रहे हैं, उन्हें अचानक बड़ा लाभ मिल सकता है. पारिवारिक जीवन में भी खुशियां बढ़ेंगी और जीवनसाथी का पूरा सहयोग मिलेगा. किसी नए काम की शुरुआत करने के लिए यह समय शुभ रहेगा.

2. सिंह

शरद पूर्णिमा मिथुन राशि के जातकों के लिए नई ऊर्जा लेकर आएगी. करियर में प्रगति होगी और नए अवसर मिलेंगे. विद्यार्थी वर्ग के लिए भी यह समय सुनहरा है, पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ेगी और परीक्षा में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं. अविवाहित लोगों के लिए भी विवाह प्रस्ताव आने की संभावना है. सेहत में सुधार होगा और मन प्रसन्न रहेगा.

3. तुला

सिंह राशि के जातकों के लिए शरद पूर्णिमा बेहद शुभ मानी जा रही है. नौकरी में प्रमोशन या नई जिम्मेदारी मिलने के योग बन रहे हैं. व्यापार में अचानक लाभ होगा और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी. लंबे समय से रुके हुए काम पूरे हो सकते हैं. परिवार में खुशी का माहौल रहेगा और मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहेगी.

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शरद पूर्णिमा का महत्व (Sharad Purnima 2025 Significance)

शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है. इस दिन चांद अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है और ऐसा कहा जाता है कि इस दिन चांद की रोशनी से धरती पर अमृत बरसता है. हिंदू धर्म में यह रात मां लक्ष्मी और चंद्रदेव की उपासना के लिए बेहद शुभ मानी जाती है. माना जाता है कि इस रात जो व्यक्ति पूरे श्रद्धा भाव से मां लक्ष्मी की पूजा करता है, उसके घर में सुख-समृद्धि और धन की वृद्धि होती है.

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