Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज के लिए मधुकरी लेकर आए बुजुर्ग भक्त का VIDEO VIRAL, लोगों ने कहा—यह है सच्चा प्रेम

Premanand Ji Maharaj: सोशल मीडिया पर प्रेमानंद महाराज का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा. वीडियो में एक बुजुर्ग भक्त प्रेमानंद महाराज के लिए मधुकरी लेकर पहुंचे. लेकिन जब उन्हें दक्षिणा दी जाने लगी तो भक्त ने साफ इनकार कर दिया.

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वायरल हो रहा प्रेमांनद महाराज का वीडियो (Photo: Social Media) वायरल हो रहा प्रेमांनद महाराज का वीडियो (Photo: Social Media)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:17 AM IST

Premanand Maharaj Viral Video: वृंदावन के संत प्रेमानंद जी महाराज अपने विनम्र स्वभाव और आदर्शों के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं. महाराज जी के उपदेश हमेशा सरल भाषा में, लेकिन गहरे संदेशों से भरे हुए होते हैं. वे हर किसी को प्रेम, करुणा, भक्ति और मानव सेवा का मार्ग अपनाने की प्रेरणा देते हैं. आए दिन सोशल मीडिया पर  प्रेमानंद महाराज के कई वीडियो वायरल होते हैं और कुछ तो बहुत चर्चा में भी रहते हैं.

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प्रेमानंद महाराज का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हो रहा है. जानते हैं इस वीडियो में आखिर ऐसा क्या है.

भ्रमण पर निकले थे महाराज

वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि वृंदावन के संत प्रेमानंद जी महाराज जब भ्रमण पर निकले हुए थे, तभी एक बुजुर्ग भक्त उनके लिए मधुकरी लेकर पहुंचे. महाराज जी के शिष्यों ने जब उन्हें दक्षिणा देने की कोशिश की, तो बुजुर्ग भक्त ने विनम्रता से इसे लेने से इनकार कर दिया.

 

इस घटना से साफ झलकता है कि उस बुजुर्ग भक्त के मन में महाराज जी के लिए केवल निश्छल भाव, प्रेम और श्रद्धा थी. एक यूजर ने लिखा,“यह तो भावनात्मक प्रेम है, कुछ चीजों को शब्दों में बयां नहीं कर सकते”. 


क्या है मधुकरी?

वीडियो देखने के बाद कई लोगों के मन में यह सवाल भी उठा कि आखिर मधुकरी क्या होती है, जिसे लेकर वह बुजुर्ग भक्त प्रेमानंद जी महाराज के पास पहुंचे. 

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मधुकरी या माधुकरी का अर्थ है भिक्षुओं या संतों द्वारा विभिन्न घरों से थोड़ा-थोड़ा भोजन भिक्षा के रूप में ग्रहण करना. यह परंपरा सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है और संतों के लिए यह केवल भोजन प्राप्त करने का तरीका नहीं, बल्कि विनम्रता, सादगी और समाज से जुड़ाव का प्रतीक है. प्रेमानंद जी महाराज आज भी इस परंपरा का पालन करते हैं. आम तौर पर उनके लिए मधुकरी की व्यवस्था उनके शिष्य करते हैं, लेकिन कई बार महाराज जी स्वयं भी ब्रजवासियों के घर-घर जाकर मधुकरी ग्रहण करते हैं. 

मधुकरी के महत्व को बताते हुए प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं “यह सिर्फ भोजन नहीं होता, बल्कि ब्रजवासी के प्रेम, भाव और अपनत्व का प्रसाद होता है. 

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