Vastu Tips: क्या आपके घर में हैं एक से ज़्यादा शीशे? इस दिशा में लगे हैं तो ला सकते हैं बड़ी मुसीबत

Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में शीशे को ऊर्जा बढ़ाने वाला तत्व माना गया है. यह अपने आसपास की ऊर्जा को प्रतिबिंबित करके कई गुना बढ़ा देता है. चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक. इसलिए घर में शीशा कहां, कैसे और किस दिशा में लगाया जाए, यह बहुत महत्वपूर्ण है.

Advertisement
घर में कितने मिरर लगाना है सही, ( Photo: Pixabay) घर में कितने मिरर लगाना है सही, ( Photo: Pixabay)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:42 PM IST

Mirror Vastu: घर में लगा शीशा सिर्फ दीवार की खूबसूरती बढ़ाने के लिए नहीं होता, वास्तु शास्त्र में इसे एक बेहद प्रभावशाली तत्व माना गया है. शीशा अपने आसपास की ऊर्जा को दोगुना–तिगुना कर सकता है.  इसलिए जिस तरह वह रोशनी को प्रतिबिंबित करता है, उसी तरह सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह की ऊर्जा को भी बढ़ा देता है. इसी वजह से वास्तु में हमेशा सलाह दी जाती है कि घर में शीशे कितने हों, कहां लगे हों और किस आकार के हों, इन तीनों बातों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है.

Advertisement


घर में कितने मिरर लगाना सही है? 

वास्तु के अनुसार घर में बिना जरूरत बहुत ज़्यादा शीशे नहीं लगाने चाहिए, लेकिन कितने शीशे होने चाहिए , इस पर कोई सख्त नियम भी नहीं है. बस उनकी दिशा, आकार और कहां लगाया गया है, यह सबसे ज्यादा मायने रखता है. अगर शीशे में कोई शुभ चीज जैसे  तिजोरी, हरे-भरे पौधे या कोई खूबसूरत प्राकृतिक तस्वीर तो ऐसे में ज्यादा शीशे होने से भी फायदा होता है. ये सकारात्मक ऊर्जा को और बढ़ा देते हैं. 

कौन सी दिशा है शुभ

वास्तु के मुताबिक शीशे लगाने के लिए घर की उत्तर और पूर्व दिशा सबसे अच्छी मानी जाती है. उत्तर दिशा को कुबेर की दिशा कहा जाता है, जो धन और समृद्धि के देवता हैं. इसलिए इस दिशा में लगा शीशा घर में धन की ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करता है और समृद्धि लाता है. 

Advertisement

इस दिशा में लगाने से आती समृद्धि 

पूर्व दिशा को वास्तु में बहुत शुभ माना गया है, क्योंकि यह दिशा स्वास्थ्य, खुशहाली और नई ऊर्जा का प्रतीक है. इसी तरह, डाइनिंग टेबल के सामने लगा शीशा लगाना शुभ होता है, वास्तु के अनुसार ये सौभाग्य, समृद्धि और अन्न की बरकत बढ़ाने वाला माना जाता है.

बेडरूम में न लगाएं शीशा

इसके विपरीत, बेडरूम में शीशा लगाना अक्सर अशुभ माना गया है. खासकर तब जब सोते समय व्यक्ति का प्रतिबिंब उसमें नजर आए. माना जाता है कि इससे मानसिक शांति प्रभावित होती है और वैवाहिक संबंधों में तनाव पैदा हो सकता है.  यदि किसी कारण शीशा हटाना संभव न हो, तो रात के समय उसे कपड़े से ढक देना एक सरल और प्रभावी उपाय माना जाता है.

आमने-सामने ना हो शीशा

घर के मुख्य द्वार के ठीक सामने शीशा लगाने से भी बचना चाहिए. माना जाता है कि ऐसा होने से मुख्य द्वार से घर में प्रवेश करने वाली सकारात्मक ऊर्जा अंदर नहीं आ पाती है. इसके अलावा, दो शीशों को एक-दूसरे के बिल्कुल सामने नहीं लगाना चाहिए, इससे मानसिक अशांति, तनाव और बेचैनी पैदा हो सकती है.  

शीशा लगाने से जुड़े कुछ और वास्तु टिप्स

टूटा हुआ शीशा घर में न रखें
टूटा या दरार वाला शीशा वास्तु में बेहद अशुभ माना जाता है.  यह घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ाता है और मानसिक तनाव, झगड़े और आर्थिक नुकसान का कारण बन सकता है.  

Advertisement

बहुत बड़े शीशे से बचें
बहुत बड़े साइज का शीशा कमरे की ऊर्जा को असंतुलित कर सकता है. बेहतर है कि मध्यम आकार के शीशे का इस्तेमाल किया जाए. 

अंधेरे कोने में शीशा न लगाएं
जहां रोशनी कम हो या कोना बहुत अंधेरा हो, वहां शीशा लगाने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement