Hindu Wedding Rituals: हिंदू धर्म के16 संस्कारों में विवाह सबसे प्रमुख माना गया है. विवाह के दौरान अनेक परंपराओं का पालन किया जाता है. इन परंपराओं के पीछे वैज्ञानिक, मनोवैज्ञानिक और धार्मिक कारण भी छिपे होते हैं. मगर बहुत कम लोग इन परंपराओं के पीछे छिपी वजहों को जानने का प्रयास करते हैं. ऐसी ही एक परंपरा है विदाई के समय दुल्हन का अपने सिर के ऊपर से पीछे की ओर चावल फेंकना. आइए श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज के मुताबिक जानते हैं इसके पीछे का विशेष कारण.
विदाई में चावल फेंकने की परंपरा
अनिरुद्धाचार्य जी बताते हैं कि हिंदू धर्म में बेटी को दो कुलों की लक्ष्मी माना जाता है- मायके और ससुराल की. इसी वजह से विदाई के समय जब कन्या अपने दोनों हाथों में चावल भरकर सिर के ऊपर से पीछे की ओर फेंकती है, तो इसे केवल एक रस्म नहीं, बल्कि घर के लिए उसके अंतिम आशीर्वाद के रूप में देखा जाता है. दुल्हन के पीछे खड़ी मां और अन्य महिलाएं इन चावलों को अपने पल्लू में इकट्ठा करती हैं, ताकि एक भी दाना जमीन पर न गिरे. ऐसा माना जाता है कि लक्ष्मी रूपी बेटी द्वारा फेंके गए ये अक्षत घर के लिए शुभता, धन और अनंत समृद्धि लेकर आएंगे. इसलिए, इन्हें बड़े सम्मान से संभालकर रखा जाता है.
बुरी नजर से भी होती है रक्षा
अनिरुद्धाचार्य जी आगे बताते हैं कि बेटी को धन की देवी मां लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है. ऐसे में जब वह विवाह के बाद मायके से विदा होती है, तो चावल के रूप में अपनी कृपा, आशीर्वाद, समृद्धि और शुभकामनाएं पीछे छोड़ जाती है. माना जाता है कि यह चावल या अक्षत मायके को बुरी नजर से बचाते हैं और घर में खुशहाली बनी रहती है.
रस्म में चावल का महत्व
चावल भारतीय भोजन का एक अभिन्न हिस्सा है और इसे जीवन-निर्वाह, उर्वरता, शांति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. इसी कारण चावल का उपयोग लगभग हर शुभ कार्य में किया जाता है चाहे पूजा-पाठ हो, शादी की कोई रस्म हो या गृह प्रवेश जैसे मांगलिक अवसर हो. मान्यता है कि चावल नकारात्मक ऊर्जा को भी दूर करता है और घर में सकारात्मकता बनाए रखता है, इसलिए विदाई की इस रस्म में भी इसका अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है.
लड़की इस रस्म के माध्यम से अपने मायके से जुड़ी जिम्मेदारियों को आदरपूर्वक पीछे छोड़ती है और नए जीवन की ओर बढ़ती है. सिर के ऊपर से चावल फेंकना दर्शाता है कि वह अपने घर के प्रति सम्मान और कृतज्ञता को अपने सिरमौर स्थान पर रखती है. यही वजह है कि चावल ऊपर से फेंका जाता है, ताकि शुभता का भाव सर्वोच्च रहे.
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