Hanuman Chalisa: हनुमान चालीसा का पाठ कितना फायदेमंद? जानें प्रयोग विधि और चमत्कारी पंक्तियां

हनुमान चालीसा का पाठ कई मायनों में फायदेमंद माना जाता है. आर्थिक तंगी हो या भूत-पिशाच का भय, नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव हो या मानसिक अशांति, हनुमान चालीसा का पाठ हर तरह से रक्षा कवच की तरह काम करता है.

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तुलसीदास जी द्वारा लिखी हुई हनुमान चालीसा सर्वाधिक शक्तिशाली और लोकप्रिय मानी जाती है. तुलसीदास जी द्वारा लिखी हुई हनुमान चालीसा सर्वाधिक शक्तिशाली और लोकप्रिय मानी जाती है.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 6:12 PM IST

Hanuman Chalisa: भगवान राम का हनुमान जी से बड़ा कोई परम भक्त नहीं है. हनुमान ने भक्ति की अद्भुत मिसाल पेश की हैं. बजरंगबली ने हमेशा राम की आज्ञा का पालन किया. कहते हैं कि बजरंगबली की कृपा से सारे संकट सारे दुख मिट जाते हैं. रामभक्त हनुमान की कृपा पाने का अचूक माध्यम हनुमान चालीसा का पाठ है. तुलसीदास जी द्वारा लिखी हुई हनुमान चालीसा सर्वाधिक शक्तिशाली और लोकप्रिय मानी जाती है. आइए जानते हैं कि हनुमान चालीसा के पाठ की विधि क्या है.

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हनुमान चालीसा के फायदे
हनुमान चालीसा का पाठ कई मायनों में फायदेमंद माना जाता है. आर्थिक तंगी हो या भूत-पिशाच का भय, नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव हो या मानसिक अशांति, हनुमान चालीसा का पाठ हर तरह से रक्षा कवच की तरह काम करता है. इसका पाठ करने वालों पर आने वाली मुसीबतें खुद-ब-खुद अपना रास्ता बदल लेती हैं.

हनुमान चालीसा की प्रयोग विधि? 
सबसे पहले हनुमान जी और उनके ईष्ट श्रीराम के चित्र की स्थापना करें. इसके बाद उनके समक्ष जल से भरा पत्र रखें. फिर 3 बार से लेकर 108 बार तक चालीसा का पाठ करें. पाठ के बाद उस जल को प्रसाद की तरह ग्रहण करें. प्रयास करें की चालीसा पाठ का समय रोज एक ही हो. विशेष दशाओं में यात्रा या सोते समय भी चालीसा का पाठ कर सकते हैं. लेकिन एक बात का विशेष रूप से ध्यान रखें कि राम जी की पूजा किए बिना हनुमान चालीसा के पाठ का कोई विशेष फल नहीं मिलता है.

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हनुमान चालीसा की चमत्कारी पंक्तियां

विद्या बुद्धि और एकाग्रता बढ़ाने के लिए
"बुद्धिहीन तनु जानिके,सुमिरौ पवनकुमार
बल बुधि विद्या देहि मोहि,हरहु कलेस विकार " 

स्वास्थ्य की बाधाओं से बचने के लिए
"लाय संजीवन लखन जियाय, श्री रघुवीर हरसी उर लाय"

रिश्तों और संबंधों की मजबूती के लिए
"रघुपति कीन्ही बहुत बहुत बड़ाई,तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई"

दुर्घटनाओं, क्रोध और स्वास्थ्य की समस्याओं से बचने के लिए
"नासै रोग हरे सब पीरा,जपत निरंतर हनुमत वीरा"

जब सारे रास्ते बंद हो जायें और समस्या काफी गंभीर हो जाय
"दुर्गम काज जगत के जेते,सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते" 

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