Guru Vakri Gochar 2025: ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति को बहुत ही शुभ ग्रह माना जाता है. जब देवगुरु बृहस्पति वक्री अवस्था में विराजमान होते हैं तो उसका प्रभाव राशियों को नकारात्मक और सकारात्मक रूप दोनों तरीके से पड़ता है. 5 दिसंबर यानी कल देवगुरु बृहस्पति मिथुन राशि में वक्री अवस्था में गोचर करेंगे.
ज्योतिषियों के अनुसार, गुरु 5 दिसंबर को बुध की राशि में मिथुन में चले जाएंगे. इस समय जातकों को अधिक ज्ञान प्राप्त करने सीखने और अपनी स्किल्स बढ़ाने के लिए एक अच्छा अवसर मिल सकता है. यह गोचर संकेत दे रहा है कि वक्री बृहस्पति मिथुन राशि में रहते हुए लोगों की बुद्धि और विवेक को निखारेगा, जिससे उनकी क्षमताओं में वृद्धि होगी. वे अपने कार्यों में अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे. आइए जानते हैं कि गुरु का मिथुन राशि में वक्री होना किन राशियों के लिए अनलकी माना जा रहा है.
मेष
गुरु मेष राशि के तीसरे भाव में वक्री होंगे. आर्थिक प्रयासों में देरी हो सकती है. जल्दबाजी में नौकरी से जुड़ा कोई फैसला न लें क्योंकि बदलाव से लाभ नहीं होगा. यात्रा करने से पैसों का नुकसान होगा. किसी कार्य में लापरवाही ना करें वरना समस्याएं होंगी. सेहत की दृष्टि से इस समय आपको सावधान रहना होगा.
वृषभ
गुरु वृषभ राशि के दूसरे भाव में गोचर करेंगे. कार्यस्थल पर दबाव महसूस होगा. इसलिए, सभी काम धैर्य से करें नहीं तो तनाव हो सकता है. प्रतियोगियों से कड़ी टक्कर मिल सकती है जिससे मुनाफा की दर में गिरावट आएगी. खर्चो में वृद्धि होगी. अहंकार और घमंड से रहें दूर नहीं तो जीवनसाथी के साथ नोक झोंक हो सकती है.
तुला
देवगुरु बृहस्पति तुला राशि वालों के नौवें भाव में वक्री होंगे. करियर के क्षेत्र में विलंब हो सकता है. आपको प्रतिस्पर्धियों के दबाव के चलते सफलता पाने में देरी हो सकती है. पैसा तो कमाएंगे लेकिन खर्चे अधिक बढ़ सकते हैं. जीवनसाथी के तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो सकती हैं. सेहत का रखें खास ख्याल.
वृश्चिक
देवगुरु बृहस्पति वृश्चिक राशि वालों आठवें भाव में वक्री होगा. धन संबंधी निर्णय लेते समय सोच-समझकर कदम रखना होगा. किसी भी निवेश, साझेदारी या कर्ज पर तुरंत फैसला लेने की गलती न करें. करियर में भी जल्दबाजी नुकसान पहुंचा सकती है. रिश्तों में अहंकार टकराव की वजह बन सकता है.
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