भगवान बुद्ध का जीवन और उनके उपदेश करुणा, अहिंसा और मानवता के सिद्धांतों पर आधारित है. उनकी कही गई बातें आज भी जीवन के हर क्षेत्र में लोगों का मार्गदर्शन करती हैं. आज बुद्ध पूर्णिमा है. यह दिन गौतम बुद्ध की जयंती के रूप में मनाया जाता है. भगवान बुद्ध के अनुसार, एक मनुष्य का सबसे बड़ा गुण मानवता है, जो उसे ईश्वर ने प्रदान की है. वहीं, धर्म तो सिर्फ इंसान के जीवन का एक हिस्सा है, जो उसने खुद ही बनाया है. इसलिए अगर इंसान मानवता को ही अपना धर्म मानें तो वह ईश्वर के बेहद करीब पहुंच सकता है. आइए इस बात को गौतम बुद्ध के जीवन से जुड़ी एक कहानी से समझते हैं.
किसान क्यों कहलाया गौतम बुद्ध का सच्चा अनुयायी?
एक बार गौतम बुद्ध एक गांव में पहुंचे, वहां उनके एक अनुयायी जो एक किसान था उसने गांव में भगवान बुद्ध के प्रवचन का आयोजन किया, लेकिन जब प्रवचन का आयोजन हुआ तो वहां सभी लोग मौजूद थे पर वह किसान नहीं आया. लोग सोचने लगे कि जिस किसान ने गांव में प्रवचन का आयोजन किया, वह खुद ही उसमें शामिल नहीं हुआ. प्रवचन खत्म होने के बाद जब किसान रात में घर लौटा तो उसे देखकर बुद्ध ने पूछा कि तुम कहां थे, सब तुम्हें खोज रहे थे. तब किसान ने बताया कि उसका बैल बीमार पड़ गया था. देसी इलाज करने पर भी बैल की तबियत बिगड़ती गई, तब उसे तुरंत वैद्य के पास ले जाना पड़ा. अगर वह बैल को नहीं बचाता तो उसकी जान चली जाती. किसान ने भगवान बुद्ध से कहा कि आपका उपदेश तो मैं फिर कभी सुन सकता हूं लेकिन अगर बैल की जान चली जाती तो मैं खुद को कभी माफ नहीं कर पाता.
अगले दिन गांव वाले गौतम बुद्ध के पास पहुंचे और किसान की शिकायत करने लगे कि उसने खुद ही प्रवचन का आयोजन किया लेकिन वो आया नहीं. इसलिए किसान प्रभु का सच्चा भक्त नहीं है बस भक्त होने का दिखावा करता है. उन सभी लोगों की बात सुनकर भगवान बुद्ध मुस्कराए और बोले कि तुम लोग तो सिर्फ मेरा प्रवचन सुनने आए थे लेकिन इस किसान ने तो मेरे उपदेश का पालन करके दिखाया. जब धर्म और करुणा में से किसी एक को चुनना पड़े तो हमेशा करुणा को चुनना चाहिए. इस किसान ने वैसा ही किया इसने मेरे प्रवचन की जगह करुणा और मानवता को चुना. इसलिए ऐसे शिष्य को किसी उपदेश की जरूरत नहीं है.
भगवान बुद्ध की बातों को सुनकर गांव वालों को इस बात का एहसास हो गया कि किसान असल में एक सच्चा प्रभु का भक्त है क्योंकि उसने बुद्ध के उपदेश का पालन किया और इस बात का उदाहरण पेश किया कि मनुष्य का सबसे बड़ा धर्म मानवता और करुणा है. इसलिए आप जीवन में चाहे कितने भी अच्छे उपदेश सुने, सुबह-शाम भगवान की पूजा करें. लेकिन अगर आप भगवान के सिखाए गए उपदेशों का पालन नहीं करते तो आपके प्रवचन सुनने का कोई फायदा नहीं है.
सत्या शर्मा