Christmas 2025: क्या है ‘फेस्ट ऑफ सेवेन फिशेज’? क्रिसमस ईव पर क्यों खाई जाती हैं सात तरह की मछलियां

Christmas 2025:रोमन कैथोलिक चर्च में सात प्रमुख संस्कार बताए गए हैं, जो एक ईसाई के जीवन के अहम पड़ाव माने जाते हैं. इसी वजह से सात को पूर्णता और धार्मिक महत्व का प्रतीक माना जाता है.

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इतालवी-अमेरिकी कैथोलिक परिवार निभाते हैं ये परंपरा. (Photo: Pixabay) इतालवी-अमेरिकी कैथोलिक परिवार निभाते हैं ये परंपरा. (Photo: Pixabay)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:49 AM IST

Christmas 2025: आज पूरी दुनिया में क्रिसमस (Christmas 2025) मनाया जा रहा है. हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला क्रिसमस खुशी, सजावट, प्रार्थना और परिवार के साथ समय बिताने का बेहद ही खास त्योहार है. लेकिन क्रिसमस से जुड़ी कुछ परंपराएं ऐसी भी हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. इन्हीं में से एक खास परंपरा है, फेस्ट ऑफ सेवेन फिशेज ( Feast of the Seven Fishes). इस मौके पर सात तरह की मछलियां बनाई जाती है, कई घरों में  3, 11, 13 या किसी भी विषम संख्या में मछलियों का भोज तैयार करते हैं. 

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क्या है Feast of the Seven Fishes?

फेस्ट ऑफ सेवेन फिशेज (Feast of the Seven Fishes)  एक खास परंपरा है, जिसे खासतौर से इतालवी-अमेरिकी कैथोलिक परिवार निभाते हैं. इटली में क्रिसमस की पूर्व संध्या को ला विगिलिया डि नताले (क्रिसमस की पूर्व संध्या) के नाम से जाना जाता है, और भोजन को सेना डेला विगिलिया या "पूर्व संध्या का रात्रिभोज" कहा जाता है. 

इस दिन परिवार के लोग मछली और समुद्री भोजन से बने व्यंजन खाते हैं. दरअसल, कैथोलिक धर्म में क्रिसमस जैसे बड़े त्योहार से पहले संयम और परहेज की परंपरा होती है. इसी वजह से मांस नहीं खाया जाता और इस दिन मछली को भोजन का हिस्सा बनाया जाता है.

क्रिसमस ईव पर मछली ही क्यों खाई जाती है?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार,मांस को उत्सव और भोग-विलास से जोड़ा जाता है. जबकि मछली को सादगी और संयम का प्रतीक माना जाता है. इसी कारण क्रिसमस से पहले की रात मछली खाना एक परंपरा बन गई. 

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सात मछलियां ही क्यों बनाई जाती हैं?

इस परंपरा में नंबर ‘सात’ का खास महत्व है.  इसके पीछे कई कारण बताए जाते हैं. 
सात संस्कार : रोमन कैथोलिक चर्च में सात मुख्य संस्कारों का उल्लेख है, जो एक ईसाई के जीवन के महत्वपूर्ण पड़ाव माने जाते हैं.

सृष्टि के सात दिन: बाइबिल के अनुसार, ईश्वर ने सात दिनों में सृष्टि की रचना की थी.  सातवां दिन विश्राम और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है. 

बाइबिल में संख्या का महत्व: ईसाई धर्म में ‘सात’ संख्या को खास महत्व दिया गया है. इसे पूर्ण और दिव्य अंक माना जाता है.  कहा जाता है कि बाइबिल में इस संख्या का ज़िक्र 700 से अधिक बार मिलता है. 

रोम की सात पहाड़ियां: इटली की राजधानी रोम, जिसे कैथोलिक धर्म का केंद्र माना जाता है, सात पहाड़ियों पर बसी है.  यही वजह है कि सात का अंक इतालवी संस्कृति से भी गहराई से जुड़ा हुआ है. 

कौन-कौन सी मछलियां शामिल होती हैं?

हर परिवार अपनी पसंद के अनुसार व्यंजन बनाता है, लेकिन आमतौर पर इनमें कॉड, झींगा, सैल्मन, स्क्विड, क्लैम्स, ईल और एंकोवी जैसी मछलियां शामिल होती हैं. हालांकि क्रिसमस ईव पर मछली खाने की परंपरा काफी पुरानी है, लेकिन ‘Feast of the Seven Fishes’ नाम से यह परंपरा 1900 के शुरुआती वर्षों में लोकप्रिय हुई. जब बड़ी संख्या में इतालवी लोग अमेरिका जाकर बसे, तो उन्होंने अपने देश की क्रिसमस ईव की परंपरा को फिर से अपनाया. उन्होंने सात कोर्स वाला समुद्री भोजन तैयार करना शुरू किया, जिससे उन्हें अपने पुराने देश (इटली) से जुड़ाव महसूस होता था. 

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