Chanakya Niti: नीति, ज्ञान और जीवन प्रबंधन के महान जानकार आचार्य चाणक्य ने स्त्रियों की भूमिका को हमेशा बहुत सम्मान और महत्व दिया है. उनकी नीतियों में कई जगह यह जिक्र मिलता है कि घर में कुछ विशेष गुणों वाली महिलाएं लक्ष्मी के समान होती हैं. ऐसी महिलाएं केवल घर में धन या आर्थिक समृद्धि ही नहीं लातीं, बल्कि परिवार में खुशी, शांति, सम्मान और उन्नति का रास्ता भी खोल देती हैं. जानते हैं स्त्रियों के उन गुणों के बारे में
घर संभालने की कला
चाणक्य बताते हैं कि वह स्त्री लक्ष्मी के समान मानी जाती है जो घर को संभालने की कला जानती है. जो अपने परिवार को प्यार, समझ और जिम्मेदारी के साथ जोड़कर रखती है, उसका प्रभाव पूरे घर पर सकारात्मक रूप में दिखाई देता है. ऐसी महिला के रहते हुए घर में हमेशा व्यवस्था, अनुशासन और सौहार्द बना रहता है.
विनम्रता
उनके अनुसार, धैर्य और विनम्रता भी स्त्री के वे गुण हैं जिनसे घर में शांति बनी रहती है. कोमल स्वभाव वाली, सबको आदर देने वाली और हर हालात में धैर्य रखने वाली स्त्री की वजह से घर में अच्छा माहौल बना रहता है. उसकी मौजूदगी से घर में तनाव नहीं, बल्कि आपसी समझ और शांति बढ़ती है.
मेहनती और कर्मठ महिला
चाणक्य यह भी कहते हैं कि मेहनती और कर्मठ महिला घर की असली खुशहाली होती है. वह चाहे घर के काम कर रही हो या बाहर किसी जिम्मेदारी को निभा रही हो, उसकी मेहनत और लगन परिवार को आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाती है. ऐसी महिला न सिर्फ खुद आगे बढ़ती है, बल्कि अपने परिवार को भी आगे बढ़ाती है.
अच्छे संस्कार वाली स्त्री
इसके अलावा सदाचार और अच्छे संस्कार वाली स्त्री चाणक्य के अनुसार घर में आध्यात्मिक और नैतिक उन्नति लाती है. ईमानदारी, दया, सादगी और सबके प्रति सम्मान से घर सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है. चाणक्य यह भी बताते हैं कि स्थिति चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हो, समझदारी से निर्णय लेने वाली स्त्री पूरे परिवार को संभाल लेती है. उसका विवेक, दूरदृष्टि और शांत दिमाग संकट को भी अवसर में बदल सकता है.
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