Chanakya Niti: जन्म होने से पहले ही व्यक्ति के भाग्य में लिख दी जाती हैं ये 5 चीजें

Chanakya Niti in Hindi, These Five Things Fixed Before Birth, Ethics of Chanakya: आचार्य चाणक्य को महान कूटनीतिज्ञ और राजनीतिज्ञों में से एक माना जाता है. उन्होंने अपनी किताब चाणक्य नीति में इंसान के जीवन, उनकी सोच समेत कई विषयों पर बारिकियों से लिखा है और इसके लिए उन्होंने नीतियां और उपाय भी बताए हैं. एक श्लोक के माध्यम से चाणक्य ने बताया है कि पांच ऐसी चीजें हैं जो किसी भी इंसान के भाग्य में उसी वक्त लिख दिया जाता है जब वो गर्भ में होता है...

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 7:34 PM IST

आचार्य चाणक्य को महान कूटनीतिज्ञ और राजनीतिज्ञों में से एक माना जाता है. उन्होंने अपनी किताब चाणक्य नीति में इंसान के जीवन, उनकी सोच समेत कई विषयों पर बारिकियों से लिखा है और इसके लिए उन्होंने नीतियां और उपाय भी बताए हैं. एक श्लोक के माध्यम से चाणक्य ने बताया है कि पांच ऐसी चीजें हैं जो किसी भी इंसान के भाग्य में उसी वक्त लिख दिया जाता है जब वो गर्भ में होता है...

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आयुः कर्म च विद्या च वित्तं निधनमेव च ।

पञ्चैतानि विलिख्यन्ते गर्भस्थस्यैव देहिनः ॥


इस श्लोक के जरिए चाणक्य कहते हैं कि आयु, कर्म, धन-संपत्ति, विद्या और मौत, ये पांच चीजें मनुष्य के भाग्य में उसी वक्त लिख दी जाती हैं जब वो गर्भ में होता है और बाद में इनमें किसी तरह का कोई बदलाव नहीं होता. चाणक्य कहते हैं कि जिनकी जितनी उम्र होती है उससे पहले उसे कोई नहीं मार सकता. वहीं, जीवन में मिलने वाले धन और विद्या भी पहले से ही तय होते हैं.

धर्मार्थकाममोक्षेषु यस्यैकोऽपि न विद्यते।

जन्म-जन्मनि मत्र्येषु मरणं तस्य केवलम्।।

चाणक्य नीति के इस श्लोक में चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य का जीवन चार मुख्य उद्देश्यों के लिए बनाया गया है, धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष. जिसे इन चारों में से एक भी चीज नहीं मिल पाती उसका जन्म केवल मरने के लिए ही हुआ है, क्योंकि ऐसे लोगों का जीवन व्यर्थ है. आचार्य के मुताबिक, मनुष्य को धर्म के मार्ग पर चलकर संपत्ति प्राप्त करनी चाहिए और उसका उपभोग करना चाहिए. साथ ही विवाह कर संतान उत्पन्न करना चाहिए. धर्म, अर्थ और काम के लिए पुरुषार्थ करने वाले व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है.

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उपसर्गे अन्यचक्रे च दुर्भिक्षे च भयावहे।

असाधुर्जनसंपर्के यः पलायति स जीवति॥

चाणक्य के मुताबिक, व्यक्ति को समय की सूझ होना आवश्यक है. वो कहते हैं कि जहां दंगा, उपद्रव या हमला होने पर मौके से गायब हो जाने यानी भाग जाने वाला व्यक्ति ही जीता है. साथ ही चाणक्य कहते हैं कि अगर कहीं अकाल पड़ जाए या दुष्टों का साथ मिले तो उस जगह को तुरंत छोड़ देना चाहिए. वक्त पर ऐसा कर पाने वाला व्यक्ति खुद को बचाने में कामयाब रहता है.
 

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