Bhai Dooj 2025: बहन या भाई न हो तो कैसे मनाएं भाई दूज? जानें तिलक करने की सही विधि

Bhai Dooj 2025: आज देशभर में भाई दूज का त्योहार मनाया जा रहा है. क्या आपके मन में कभी सवाल आया है कि जिन लोगों की अपनी बहन या भाई नहीं होते हैं, वो इस त्योहार को कैसे मनाते हैं. आइए जानते हैं.

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भाई दूज पर बहनें अपने भाई के माथे पर भाग्योदय का तिलक करती हैं और उनकी लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य व सुख-समृद्धि की कामना करती हैं. (Photo: AI Generated) भाई दूज पर बहनें अपने भाई के माथे पर भाग्योदय का तिलक करती हैं और उनकी लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य व सुख-समृद्धि की कामना करती हैं. (Photo: AI Generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 10:40 AM IST

Bhai Dooj 2025: भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के प्यार और विश्वास का प्रतीक है. इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर भाग्योदय का तिलक करती हैं और उनकी लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य व सुख-समृद्धि की कामना करती हैं. उत्तर भारत में इस त्योहार को रक्षाबंधन की तरह ही महत्वपूर्ण माना जाता है. क्या आपके मन में कभी सवाल आया है कि जिन लोगों की अपनी बहन या भाई नहीं होते हैं, वो इस त्योहार को कैसे मनाते हैं. आइए आज आपको इस बारे में विस्तार से बताते हैं.

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जिन बहनों का भाई नहीं, वो कैसे मनाएं भाई दूज?
भाई दूज का त्योहार केवल भाई-बहन के प्यार तक सीमित नहीं होता है. इसलिए जिन बहनों का अपना सगा भाई नहीं होता है, वो इस दिन अपने पिता, चाचा, कजिन, दोस्त या किसी अन्य रिश्तेदार का तिलक सकती हैं. यदि रिश्तेदारी में कोई ऐसा नहीं है जिसे आप तिलक कर सकें तो पड़ोस में किसी व्यक्ति को भाई मानकर तिलक किया जा सकता है.

जिन भाइयों की बहन नहीं, वो कैसे मनाएं त्योहार?
यदि आपकी कोई सगी बहन न हो तो आप चाचा, भाई, मामा आदि की बेटी से तिलक कर सकते हैं. इसके अलावा, आप अपने पिता की बहन यानी बुआ से भी तिलक करवा सकते हैं. यदि ऐसा भी संभव नहीं है तो आप अपने रिश्तेदारी या पड़ोस में किसी कन्या या महिला को बहन का दर्जा देकर उससे तिलक करवा सकते हैं.

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भाई दूज पर तिलक की सही विधि
भाई दूज पर भाई को तिलक करने से पहले बहनें एक थाली सजाएं और उसमें दीपक, रोली, अक्षत, फूल, सुपारी, नारियल, कलावा, सिक्का और मिठाई रखें. भाई को तिलक करने से पहले भगवान गणेश की आराधना करें. इसके बाद उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में भाई का मुख करवा के उसे बैठाएं और हाथ में नारियल, फूल और सिक्का दें.

सबसे पहले बहन भाई की कलाई पर कलावा बांधती है. फिर उसके माथे पर रोली और अक्षत से तिलक लगाती है. इसके बाद वह फूलों की माला पहनाकर मिठाई खिलाती है. अंत में उसकी आरती उतारती है और सुख-समृद्धि व दीर्घायु की कामना करती हैं. बदले में भाई भी प्रेमपूर्वक उपहार देकर अपनी बहन का आशीर्वाद और स्नेह प्रकट करता है.

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