Eid ul Fitr 2021: कोरोना में सुरक्षित तरीके से मनाएं ईद, ऐसे दें मुबारकबाद

ईद का त्योहार मुसलमानों का सबसे बड़ा त्योहार है. रमजान का पाक महीना खत्म होने के बाद ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाता है. इसे मीठी ईद भी कहते हैं. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, रमजान के बाद शव्वाल की पहली तारीख को ईद-उल-फितर मनाई जाती है.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 मई 2021,
  • अपडेटेड 11:47 AM IST
  • ईद-उल-फितर को मीठी ईद भी कहते हैं
  • सोशल मीडिया के जरिए एक-दूसरे को दें ईद की मुबारकबाद
  • घर पर रहकर मनाएं ईद का त्योहार

ईद का त्योहार मुसलमानों का सबसे बड़ा त्योहार है. रमजान का पाक महीना खत्म होने के बाद ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाता है. इसे मीठी ईद भी कहते हैं. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, रमजान के बाद शव्वाल की पहली तारीख को ईद-उल-फितर मनाई जाती है.

इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक, मुस्लिम समुदाय के लोग पूरे महीने रोजे रखते हैं और नमाज अदा कर अल्लाह से दुआ मांगते हैं. कहा जाता है इस दौरान पाक मन से रोजे रखने वालों के और नमाज अदा करने वालों की अल्लाह सारी मुराद पूरी करता है और उनके गुनाह माफ कर देता है.

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14 मई को मनाई जाएगी ईद
दरअसल, चांद देखने के बाद ही ईद की तारीख तय होती है. कई प्रमुख मुस्लिम मौलवियों के अनुसार 12 मई को चांद न दिखने की वजह से 14 मई को ईद का त्योहार मनाया जा सकता है. ईद के दिन खास रौनक होती है. इस दिन मस्जिदों को सजाया जाता है. लोग नए कपड़े पहनते हैं और एक-दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद देते हैं. हालांकि, इस बार लॉकडाउन के चलते ईद की रौनक थोड़ी फीकी पड़ गई है. देशभर में कोरोना वायरस के खतरे की वजह से मस्जिदों में जाकर नमाज अदा करने पर रोक लगाई गई है. ऐसे में कई मौलवियों ने अनुयायियों को अपने घरों में सुरक्षित तरीके से यह त्योहार मनाने की सलाह दी है. घर पर बने व्यंजन, मीठे पकवान और नमाज के साथ इस बार की ईद ज्यादातर लोग अपने घरों में ही मनाएंगे.

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सोशल डिस्टेंसिंग का करें पालन
कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की भी सलाह दी जा रही है. इस कारण ना तो लोग हमेशा की तरह गले मिल सकेंगे और ना ही मस्जिद जाकर नमाज अदा कर पाएंगे. ऐसे में तिरुवनंतपुरम की पालम जुमा मस्जिद के पलियाम इमाम वीपी सुहैब मौलवी के अनुसार ईद की बधाई देने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जा सकता है. मौलवी जी का कहना है, "यह करुणा की ईद है. क्योंकि कई लोग महामारी के कारण पीड़ित हैं. ऐसे में दुश्मनी भुलाकर सभी को ईद की बधाई दें. इस महामारी के चलते दैनिक मजदूरी से अपना जीवनयापन करने वाले कई लोग बिना किसी आय के प्रभावित हुए हैं. मैं आप सभी से इस वर्ष घर पर रहकर सुरक्षित ईद मनाने का अनुरोध करता हूं."

सोशल मीडिया के जरिए दें मुबारकबाद
उन्होंने सभी से, परिवार, दोस्तों और पड़ोसियों के यहां ना जाने का आग्रह भी किया है. इमाम ने सरकारी नियमों का भी स्वागत करते हुए अनुयायियों से ऑनलाइन नमाज सत्र में भाग लेने का अनुरोध किया है. “हम सभी के लिए घर पर ईद की नमाज अदा करना थोड़ा अजीब है, लेकिन जैसा कि हम एक असामान्य स्थिति से गुजर रहे हैं, हमें नए बदलावों को स्वीकार करना चाहिए. गुरुवार को सुबह 8 बजे पालम जुमा मस्जिद के फेसबुक और यूट्यूब पेजों पर ईद नमाज की लाइव स्ट्रीमिंग होगी. ”

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कोविड के कारण, लोगों में त्योहार की खुशी भी है और महामारी का डर भी है. ऐसे में घर में उपलब्ध सामग्री से व्यंजन तैयार करके ईद का त्योहार की खुशी के साथ मनाया जा सकता है. इसके अलावा, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर आप ईद की मुबारकबाद एक-दूसरे को दे सकते हैं.

 

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