धनतेरस पूजा को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है. हर साल धनतेरस का त्योहार दिवाली से पहले आता है. इस दिन माता लक्ष्मी, कुबेर और धनवंतरी की भी पूजा होती है. इस साल धनतेरस की पूजा 22 अक्टूबर को की जएगी,जबकि खरीदारी दोनों दिन की जा सकती है.. धनतेरस के दिन लोग सोने, चांदी के सिक्के, आभूषण और बर्तनों की खरीदारी करते हैं. इस दिन सोने,चांदी के आभूषण या सिक्के खरीदना काफी शुभ होता है. माना जाता है कि ऐसा करने से माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में कभी भी पैसों की कमी नहीं होती. तो आइए जानते हैं धनतेरस का शुभ मुहूर्त, पूजा का समय और सोना-चांदी खरीदने का शुभ समय
धनतेरस शुभ मुहूर्त (Dhanteras Shubh Muhurat)
धनत्रयोदशी या धनतेरस के दौरान लक्ष्मी पूजा को प्रदोष काल के दौरान किया जाना चाहिए जो कि सूर्यास्त के बाद प्रारम्भ होता है.
धनतेरस पूजा शनिवार, अक्टूबर 22, 2022 पर
धनतेरस मुहूर्त :शाम 5 बजकर 44 मिनट से 6 बजकर 5 मिनट तक
अवधि :0 घंटे 21 मिनट
प्रदोष काल का समय :5 बजकर 44 मिनट से 8 बजकर 16 मिनट तक
वृषभ काल :6 बजकर 58 मिनट से 8 बजकर 54 मिनट तक
धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदने का शुभ समय (Dhanteras 2022 Gold & Silver Buying Shubh Muhurat Timing)
ज्योतिषाचार्य विनोद भारद्वाज का कहना है कि धनतेरस के दिन सोने-चांदी की चीजों को सर्वार्थ सिद्धि योग में खरीदना काफी शुभ माना जाता है. सर्वार्थ सिद्धि योग को काफी शुभ माना जाता है और इसमें सभी सिद्धियों का वास होता है. सर्वार्थ सिद्धि योग को सबसे बड़ा मुहूर्त माना जाता है और धनतेरस के दिन स्वर्ण और चांदी के आभूषण खरीदने के लिए इससे बड़ा मुहूर्त कोई नहीं हो सकता. इस साल स्वार्थ सिद्धि योग 23 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 31 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 2 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगा. बता दें कि इस मुहूर्त में राहुकाल का कोई असर नहीं पड़ता है क्योंकि राहुकाल का असर केवल यात्रा पर पड़ता है.
धनतेरस पर इस तरह करें पूजा (Dhanteras Pujan Vidhi)
सबसे पहले मंदिर में चौकी के ऊपर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं. अब माता लक्ष्मी, भगवान कुबेर और धनवंतरी भगवान की फोटो या मूर्ति स्थापित करें. अगर आपके पास फोटो या मूर्ति नहीं है तो आप तीन सुपारी भी रख सकते हैं. इसके साथ ही पूजा के लिए हल्दी, चावल पुष्प, माला, धूप, दीप, नैवेद्य लेकर बैंठे. इसके बाद पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें और दीपक जला लें.
इसके बाद आपने जो कुछ भी सामान खरीदा है उसपर मौली बांध लें. फिर शुद्धिकरण के लिए थोड़ा सा जल अपने ऊपर छिड़क लें. बैठने के बाद तीन बार आचमन करें, केशवाय नम:,माधवाय नम:, नारणाय नम:.तीन बार आचमन करने से ये जल आपकी आत्म शुद्धि करेगा. अब सबसे पहले माता पृथ्वी, भगवान गणेश, माता गौरी और फिर कलश और भगवान धनवंतरी को प्रणाम करें. इसके बाद आपने जो भी सामना लिया है उसमें अक्षत छिड़कें. इसके बाद सभी पूजा सामग्री से भगवान की पूजा करें. पूजन के बाद अपने सामान और बर्तनों पर स्वास्तिक का चिह्न बना लें. फिर 108 बार 'ओम महा लक्ष्मी नम:' मंत्र का जाप करें.
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