Dhanteras 2021: धनतेरस का पर्व हर साल की तरह आज कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जा रहा है. इस दिन माता लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर, भगवान धनवंतरी और मृत्यु के देवता यमराज की पूजा होती है. मान्यता है कि इस दिन की गई खरीदारी बेहद शुभ होती है. हालांकि, खरीदारी करते समय शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना चाहिए. हम बताते हैं धनतेरस पर शॉपिंग का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र...
धनतेरस पर खरीदारी के दो शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2021 Shopping Timing)
ज्योतिषाचार्य शैलेंद्र पांडेय ने बताया कि त्रयोदशी तिथि 11 बजकर 31 मिनट से शुरू हो चुकी है. धनतेरस पर खरीदारी का पहला शुभ समय दोपहर 3 बजे से शाम 4 बजकर 30 मिनट तक है. दूसरा शुभ मुहूर्त शाम 7 बजकर 30 मिनट से शुरू होगा, जो रात 9 बजे तक का है. ज्योतिषाचार्य ने बताया कि यदि इन दोनों समय में खरीदारी करते हैं, तो अत्यंत शुभ होगा.
पूजा का शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2021 Shubh Muhurt)
धनतेरस पर धनवंतरि और कुबेर की पूजा का विधान है. 2 नवंबर को प्रदोष काल शाम 5 बजकर 37 मिनट से रात 8 बजकर 11 मिनट तक का है. वहीं वृषभ काल शाम 6.18 मिनट से रात 8.14 मिनट तक रहेगा.वृषभ काल में पूजन शुभ होता है, इसलिए धनतेरस पर पूजन के लिए शुभ मुहूर्त शाम 6.18 मिनट से रात 8.14 मिनट तक रहेगा.
धनतेरस का महत्व ((Dhanteras 2021 Significance)
धनतेरस की पौराणिक कथा समुद्र मंथन से जुड़ी हुई है. मान्यताओं के अनुसार, जब अमृत की प्राप्ति को लेकर देवताओं और असुरों के द्वारा समुद्र मंथन किया गया था तब इस समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत कलश लिए उपन्न हुए थे. भगवान धन्वंतरि को देवताओं का वैद्य भी कहा जाता है और इस दिन विशेष तौर पर भगवान धन्वंतरि की पूजा भी की जाती है. भगवान धन्वंतरि न सिर्फ धन, ऐश्वर्य, सुख व समृद्धि प्रदान करते हैं बल्कि आरोग्यता का वरदान भी देते हैं. इस दिन भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ उत्पन्न हुए थे इसलिए इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है. भगवान धन्वंतरि के साथ इस दिन भगवान कुबेर, माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने का भी विधान है.
धनतेरस की पूजा विधि (Dhanteras 2021 puja vidhi)
धनतेरस पर शाम के वक्त उत्तर की ओर कुबेर और धनवंतरी की स्थापना करनी चाहिए. दोनों के सामने एक-एक मुख का घी का दीपक जरूर जलाना चाहिए. भगवान कुबेर को सफेद मिठाई और धनवंतरी को पीली मिठाई को भोग लगाया जाता है. पूजा के दौरान "ॐ ह्रीं कुबेराय नमः" का जाप करें. इसके बाद "धनवंतरि स्तोत्र" का पाठ करें. पूजा के बाद दीपावली पर कुबेर को धन स्थान पर और धनवंतरी को पूजा स्थान पर स्थापित करें.
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