Aja Ekadashi 2022 Date: कब है अजा एकादशी? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Aja Ekadashi 2022 Date: भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अजा एकादशी मनाई जाती है. अजा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से घर में धन-धान्य में वृद्धि होती है. माना जाता है इस दिन व्रत-उपवास करने से माता लक्ष्मी की भी असीम कृपा प्राप्त होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अजा एकादशी का व्रत रखने से जीवन के सभी संकटों का नाश होता है और मनवांछित फल की प्राप्ति होती है.

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Aja Ekadashi 2022 Date: कब है अजा एकादशी? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि Aja Ekadashi 2022 Date: कब है अजा एकादशी? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 7:21 AM IST

Aja Ekadashi 2022 Date: एकादशी के व्रत को सभी व्रतों में काफी उत्तम माना जाता है. अगर आप साल भर कोई भी व्रत ना रखकर सिर्फ एकादशी का व्रत रखते हैं तो भी इससे पुण्य की प्राप्ति होती है. भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि के दिन अजा एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस साल अजा एकादशी का व्रत 22 अगस्त को रखा जाएगा वहीं, वैष्णव अजा एकादशी 23 अगस्त मंगलवार को है. अजा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है. आइए जानते हैं एकादशी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि.

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अजा एकादशी शुभ मुहूर्त (Aja Ekadashi 2022 Shubh Muhurat)

अजा एकादशी सोमवार, अगस्त 22, 2022 को

एकादशी तिथि प्रारम्भ - अगस्त 22, 2022 को सुबह 03 बजकर 35 मिनट पर शुरू
एकादशी तिथि समाप्त - अगस्त 23, 2022 को सुबह 06 बजकर 06 मिनट पर खत्म

पारण का समय- अगस्त 23, शाम 1 बजकर 57 मिनट से लेकर शाम 4 बजकर 29 मिनट तक

वैष्णव अजा एकादशी मंगलवार, अगस्त 23, 2022 को

पारण का समय- अगस्त 24, सुबह 6 बजकर 22 मिनट से लेकर 8 बजकर 30 मिनट तक 

अजा एकादशी पूजा विधि (Aja Ekadashi Puja Vidhi)

इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं. पूर्व दिशा की तरफ एक पटरे पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की प्रतिमा या फोटो को स्थापित करें. घी का दीपक और धूप जलाकर मिट्टी का कलश रखें. इसके बाद भगवान विष्णु को फल, पीले फूल, पान, सुपारी, नारियल, लौंग आदि अर्पित कर आरती करें. अब ॐ अच्युताय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें. पूरा दिन निराहार रहकर शाम के समय भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाकर अजा एकादशी की व्रत कथा सुने. इसके बाद  फलाहार करें. अगले दिन सुबह ब्राह्मणों को भोजन कराकर तथा किसी जरूरतमंद को दान-दक्षिणा देकर व्रत खोल सकते हैं. 

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अजा एकादशी का महत्व (Aja Ekadashi Importance)
धार्मिक मान्यता के अनुसार अजा एकादशी व्रत जो भी पूरी श्रद्धा के साथ करते हैं उन्हें पुण्य फल की प्राप्ति होती है. इतना ही नहीं यहां तक कहा जाता है कि इस व्रत को करने से अश्वमेध यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है. इस व्रत को नियम पूर्वक करने वाले के सभी पापों से मुक्ति मिलती है साथ ही इस व्रत को करने से भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी का भी खास आशीर्वाद मिलता है. 

व्रत के दौरान बरतें ये सावधानियां (Aja Ekadashi Precaution)
सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर व्रत का संकल्प लें. इस दिन घर में प्याज और लहसुन से बने भोजन का प्रयोग ना करें. अजा एकादशी के दिन व्रत रखकर ज्यादा से ज्यादा भगवान विष्णु का ध्यान करें. इसके अलावा, ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का भी जाप कर सकते हैं. इस दिन वाद-विवाद से दूर रहें.

 

 

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