राजस्थान के झुंझुनूं में जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर बासियाला गांव में 4500 साल पुरानी सभ्यता के प्रमाण मिले हैं. सर्वे के दौरान लाइम पाउडर से बनी दीवारें, हड्डी के औजार, तांबे की रिंग और आभूषण जैसी चीजें मिली हैं. पुरातत्व विभाग की टीम को पहली बार गणेश्वर सभ्यता के लोग किस तरह से घर बनाकर रहते थे, कैसे जीवन यापन करते थे, इसके प्रमाण मिले हैं.
यहां बासियाला गांव में पुरातत्व विभाग की टीम काम कर रही है. साल 2011 से यहां खोज के बाद गणेश्वर जोधपुरा सभ्यता के प्रमाण मिले हैं. पुरातत्व टीम को पहली बार गणेश्वर सभ्यता के लोगों की बस्तियों के सबूत मिले हैं. खुदाई के दौरान शोधकर्ताओं को प्राचीन घरों के प्लेटफॉर्म, ईंटों से बनी दीवारें, जल निकासी के लिए बनी संरचनाएं और मिट्टी से बने बर्तनों के अवशेष मिले हैं.
इन खोजों से स्पष्ट है कि यहां रहने वाले लोग एक सुनियोजित जीवन पद्धति अपनाते थे. मिट्टी के चूल्हे, स्टोरेज पिट और अन्य घरेलू वस्तुएं इस बात का संकेत देती हैं कि यह क्षेत्र विकसित सामाजिक और घरेलू व्यवस्था का केंद्र रहा होगा. पुरातत्वविदों का कहना है कि यहां मिली संरचनाओं का स्वरूप और निर्माण शैली सिंधु सरस्वती सभ्यता से मिलते-जुलते हैं. इस बार स्पष्ट आवासीय ढांचे के प्रमाण सामने आए हैं, जिनमें एक मकान के बाहर बना चूल्हा और उससे जुड़े निर्माण अवशेष शामिल हैं.
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तमारा पाषाणी संस्कृति से जुड़ा हुआ है. यहां के लोग हड़प्पा सभ्यता से व्यापार करते थे. इनका राजस्थान के अलावा हरियाणा, गुजरात सहित देश के अन्य राज्यों से भी कनेक्शन था. यह केंद्र गणेश्वर सभ्यता का हिस्सा माना जा रहा है. यहां 4 साल से सर्वे चल रहा था. सर्वे पूरा होने के बाद खुदाई शुरू की गई.
बस्ती के पास एक गड्ढे में कचरे का निस्तारण किया जाता था. यहां हड्डी और मिट्टी के बर्तनों के अवशेष मिले हैं. सर्वे के दौरान पता लगा है कि इस सभ्यता के लोग कचरा पात्र को भी ढक कर रखते थे. यहां पत्थर से बने मनके मिले हैं. ऐसे मनके गुजरात में मिलते थे. इससे माना जा रहा है कि यहां के लोग गुजरात से व्यापार करते थे.
यह क्षेत्र करीब चार हजार वर्ष पुरानी सभ्यता की बस्ती रहा होगा. लगातार चार वर्षों से जारी सर्वेक्षण और खुदाई ने इस गांव को राजस्थान के महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थलों की सूची में शामिल कर दिया है. टीम का कहना है कि खुदाई अभी शुरुआती चरण में है. आने वाले समय में और भी महत्वपूर्ण बातें सामने आ सकती हैं. अब तक मिले साक्ष्य दर्शाते हैं कि इस क्षेत्र में हजारों वर्ष पहले एक संगठित और समृद्ध सामाजिक व्यवस्था मौजूद थी.
हिमांशु शर्मा