'सैनिकों के शवों पर लड़े गए थे 2019 के चुनाव, जांच होती तो देना पड़ता इस्तीफा', केंद्र पर सत्यपाल मलिक फिर हमलावर

सत्यपाल मलिक लगातार केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ निशाना साध रहे हैं. उन्होंने पुलवामा हमले पर कहा है कि 2019 का लोकसभा चुनाव सैनिकों के शवों पर लड़ा गया था. अगर मामले की जांच हुई होती तो तत्कालीन गृह मंत्री को इस्तीफा देना पड़ता.

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सत्यपाल मलिक (फाइल फोटो) सत्यपाल मलिक (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 मई 2023,
  • अपडेटेड 9:17 AM IST

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने पुलवामा हमले के मुद्दे पर कहा है कि 2019 का लोकसभा चुनाव सैनिकों के शवों पर लड़ा गया था. अगर मामले की जांच हुई होती तो तत्कालीन गृह मंत्री को इस्तीफा देना पड़ता. मलिक ने दावा किया है कि उन्होंने घटना के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हमले के बारे में बताया था, लेकिन पीएम ने उन्हें चुप रहने के लिए कहा.

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सत्यपाल मलिक ने राजस्थान के अलवर जिले के बानसूर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा,'चुनाव (लोकसभा 2019) हमारे जवानों के शवों पर लड़ा गया और कोई जांच नहीं हुई. अगर जांच हुई होती तो तत्कालीन गृह मंत्री (राजनाथ सिंह) को इस्तीफा देना पड़ता. कई अधिकारी जेल भी जाते और एक बड़ा विवाद होता.'

मलिक का दावा- चुप रहने के लिए कहा गया

उन्होंने आगे कहा,'14 फरवरी 2019 को जब पुलवामा हमला हुआ, तब प्रधानमंत्री जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में शूटिंग कर रहे थे. बाहर आकर उन्होंने मुझे फोन किया. मैंने उन्हें बताया कि हमारे सैनिकों की मौत हुई है और यह हमारी गलती का नतीजा है. उन्होंने मुझे चुप रहने के लिए कहा.

अडानी ने 3 साल में बना ली संपत्ति

उन्होंने अडानी मुद्दे को लेकर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला. मलिक ने कहा कि अडानी ने केवल तीन साल में अच्छी-खासी संपत्ति बना ली. मलिक ने वहां मौजूद लोगों से पूछा,'क्या वे भी इस तरह अपनी संपत्ति बढ़ा पाए. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संसद को बताया कि अडानी को 20 हजार करोड़ रुपये मिले. ये पैसे कहां से आए?. प्रधानमंत्री इस पर जवाब नहीं दे पाए. उन्होंने दो दिनों तक बातचीत की, लेकिन इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोले, क्योंकि उनके पास जवाब ही नहीं था. मैं तो कह रहा हूं कि यह सब उनका पैसा है.'

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शिकायत करने पर पद से हटा दिया

मलिक ने कहा कि वे अपने मुख्यमंत्रियों से लूटकर अडानी को देते हैं और अडानी व्यापार करते हैं. वह निश्चिंत रहते हैं कि यह उनका ही पैसा है. उन्होंने कहा कि जब वे गोवा में थे तो उन्होंने वहां के मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार की शिकायत प्रधान मंत्री से की. लेकिन इसका परिणाम यह हुआ कि उन्हें राज्यपाल के पद से हटा दिया गया, जबकि मुख्यमंत्री अपने पद पर बने रहे. मलिक ने दावा किया कि उन्हें यकीन है कि वे (अडानी) ठीक उनके (मोदी सरकार) अधीन भ्रष्टाचार करते हैं. इसमें एक हिस्सा छोड़कर बाकी पूरा अडानी के हिस्से में जाता है. 

चुनाव को लेकर मलिक ने की अपील

सत्यपाल मलिक ने लोगों से सरकार बदलने की अपील की. उन्होंने कहा कि अगर आप उन्हें दोबारा से वोट देते हैं, तो आपको फिर वोट देने का मौका नहीं मिलेगा. इसके बाद वह आपको वोट नहीं देने देंगे, वह कहेंगे कि हर बार मैं ही जीतता हूं, फिर चुनाव पर खर्च क्यों करते हैं.

पूर्व राज्यपाल से हो चुकी है पूछताछ

बता दें कि मलिक से हाल ही में सीबीआई ने उनके दावे उस दावे को लेकर पूछताछ की थी, जिसमें उन्होंने 23 अगस्त 2018 और 30 अक्टूबर 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान एक बीमा योजना से संबंधित फाइलों को साफ करने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी.

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