Udaipur Kanhaiya Lal Murder Case: कन्हैयालाल हत्याकांड पर आचार्य प्रमोद ने पूछा सवाल, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दिया ये जवाब

राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल हत्याकांड को लेकर हर कोई सन्न है. इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं आचार्य प्रमोद ने हत्याकांड के बाद कुछ सवाल खड़े किए हैं.

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जयराम रमेश (फाइल फोटो) जयराम रमेश (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 जून 2022,
  • अपडेटेड 7:01 AM IST
  • 28 जून को की गई थी उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या
  • हत्या के बाद उदयपुर में लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया है

उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी. हालांकि पुलिस ने इस जघन्य वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. लेकिन इस घटना को लेकर देशभर के लोगों में रोष पैदा हो गया है. उदयपुर में तनाव है. वहीं आचार्य प्रमोद ने ट्वीट कर पूछा कि धमकी मिलने के बाद भी कन्हैयालाल को सुरक्षा उपलब्ध क्यों नहीं कराई गई. इसके जवाब में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि आपने जो भी लिखा है, वो तथ्यों से बहुत परे है.

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दरअसल, आचार्य प्रमोद ने ट्वीट कर कहा था कि धमकी मिलने के बावजूद भी कन्हैयालाल को सुरक्षा उपलब्ध क्यों नहीं कराई गई. क़ातिलों के साथ-साथ पुलिस प्रशासन भी बराबर का दोषी है. आचार्य प्रमोद ने सवाल उठाते हुए पूछा था कि SSP, DIG के ख़िलाफ़ अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई. क्या राजस्थान में सरकार का इक़बाल बिल्कुल ख़त्म हो गया है. 

इसके बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि दूसरी बार लक्ष्मण रेखा पार करने से पहले एक बार तो सोचना चाहिए था आदरणीय प्रमोद त्यागी जी. जो आपने लिखा है, वो वैसे भी तथ्यों से बहुत परे है. हालांकि इसके बाद आचार्य प्रमोद ने कहा कि कन्हैया के लिए आवाज़ उठाना राष्ट्र धर्म है. राष्ट्र धर्म का निर्वहन करने से किसी को रोकने की चेष्टा राष्ट्र द्रोह कहलाता है.

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दरअसल, उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल साहू की जिस तरह से उसकी दुकान में घुसकर धोखे से हत्या की गई, उसको लेकर ज़बरदस्त गुस्सा फैला हुआ है. इस घटना को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बार-बार लोगों से एक ही अपील कर रहे हैं कि किसी भी सूरत में हत्या के वीडियो वायरल ना करें.

वहीं हत्या से 10 दिन पहले टेलर कन्हैया लाल के बेटे ने नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट कर दिया. उसके बाद से ही कन्हैया लाल को लगातार धमकियां मिल रही थीं. कन्हैया ने इसकी सूचना पुलिस को दी थी, लेकिन आरोप है कि पुलिस ने लापरवाही बरतते हुए ध्यान नहीं दिया. इसके बाद 28 जून की दोपहर को हत्यारे कपड़े सिलवाने के बहाने आए और गला काट दिया.

 

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