राजस्थान में उदयपुर के जनाना अस्पताल में एक दिन पहले 2 नवजातों की अदला-बदली के मामले में जन्म देने वाली प्रसूताओं की गुरुवार को पहचान हो गई. एमबी हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ आरएल सुमन ने बताया कि उन्होंने गहन जांच के बाद नवजात और उसकी मां की पुष्टि की. बाद में पेरेंट्स भी इस बात पर सहमत हो गए. ऐसे में मीरा नगर निवासी अनिता रावत को बेटी और चित्तौड़गढ़ निवासी रामेश्वरी सोनी नवजात बेटा सुपुर्द किया गया.
डॉ सुमन ने बताया कि पहचान के लिए हमने दोनों बच्चों का ब्ल्ड ग्रुप, दोनों प्रसूता की सोनोग्राफी रिपोर्ट, नवजात के जन्म की डेट, टाइम सहित अन्य कई तरह के तथ्य की जांच की तो बच्चे को जन्म देने वाली मां की पुष्टि हुई. पेरेंट्स भी इस बात पर संतुष्ट हो गए.
अधीक्षक डॉ आरएल सुमन ने बताया कि हालांकि करीब 15 दिन बाद डीएनए जांच रिपोर्ट आएगी. पेरेंट्स चाहें तो जांच रिपोर्ट का इंतजार कर मामले से सहमत हो सकते हैं. मामले में कहां खामी और लापरवाही रही है, इसे लेकर आरएनटी मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ विपिन माथुर के निर्देश पर जांच कमेटी गठित की गई है. कमेटी पता करेगी कि ऐसी गलती क्यों और कैसे हुई. जांच रिपोर्ट आने पर दोषी पर कार्रवाई की जाएगी.
जन्म के बाद स्टाफ ने दी गलत जानकारी
दरअसल बीते बुधवार को इस अस्पताल में 2 नवजात की अदला-बदली हो गई थी. अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर (OT) में दोपहर करीब 12 बजे आधे घंटे के अंतराल में 2 महिलाओं की डिलीवरी हुई. इनमें से एक ने बेटे और दूसरी ने बेटी को जन्म दिया था. विवाद तब शुरू हुआ, जब अस्पताल स्टाफ ने ओटी से बाहर आकर दोनों नवजात के परिजन को गलत सूचना दे दी.
डॉक्टरों ने जब इस गलती को पकड़ा, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि बेटी के जन्म की सूचना गलती से बेटे के परिजन जबकि बेटे के जन्म की सूचना बेटी के परिजन को दे दी गई थी. इस पर दोनों परिवार मानने को तैयार नहीं थे. नवजात के बदले जाने से परिजनों ने हंगामा कर दिया. यही कहते रहे कि उनके बेटा हुआ है. सूचना मिलने पर हाथीपोल थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को शांत किया.
शरत कुमार