राजस्थान के ब्यावर में एक बड़ी और चौंकाने वाली घटना सामने आई है. यहां बीजेपी विधायक शंकर सिंह रावत की बेटी के खिलाफ फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र से सरकारी नौकरी हासिल करने की शिकायत करने वाले फनीस कुमार सोनी पर सरेआम हमला किया गया. कोर्ट से अपनी बहन के घर जाते समय स्कूटी और बाइक पर आए करीब पांच बदमाशों ने रास्ते में रोककर उन पर हमला कर दिया. बदमाशों ने पहले उन्हें घेरकर मारपीट की और जब पीड़ित बचने के लिए स्कूटी छोड़कर भागे तो उन्हें पकड़कर सड़क पर गिरा दिया.
पीड़ित पर लोहे की पाइप, रॉड और लात-घूंसों से हमला किया गया. चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे तो आरोपी वहां से भाग निकले. पूरी घटना वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में साफ रिकॉर्ड हो गई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
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दिनदहाड़े हमला, CCTV फुटेज आया सामने
यह घटना ब्यावर के साकेत नगर थाना क्षेत्र की है, जहां 24 नवंबर को साकेत नगर निवासी 53 वर्षीय फनीस कुमार सोनी पर हमला हुआ. वे कोर्ट में पेशी से लौटकर अपनी बहन के घर जा रहे थे. तभी ब्रह्मानंद मार्ग पर 8 ड्रीम्स बिल्डिंग के पास दो बदमाश बाइक पर आए और उन्हें रोक लिया. कुछ ही सेकंड में स्कूटी से पीछे तीन और लोग पहुंच गए और अचानक हमला शुरू कर दिया.
फनीस कुमार ने बताया कि वे जान बचाने के लिए बिल्डिंग की तरफ भागे, लेकिन बदमाशों ने घेरकर उन्हें सड़क पर पटक दिया. इसके बाद रॉड और लोहे के पाइप से पिटाई की गई. मारपीट इतनी तेज थी कि लोगों के जुटने तक वे बार-बार उन्हें चोट पहुंचाते रहे. वीडियो वायरल होने के बाद अब लोगों में आक्रोश है.
विधायक की बेटी के खिलाफ की थी शिकायत
पीड़ित फनीस कुमार ने आरोप लगाया कि यह हमला उनकी शिकायतों के कारण हुआ है. उन्होंने बताया कि उन्होंने बीजेपी विधायक शंकर सिंह रावत की बेटी कंचन चौहान के खिलाफ शिकायत की थी, जिसमें आरोप है कि कंचन ने फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र का इस्तेमाल कर तहसीलदार की नौकरी हासिल की.
फनीस का कहना है कि कंचन पहले महिला अधिकारिता विभाग में सुपरवाइजर के पद पर काम कर रही थीं. जब उन्होंने RTI के जरिए PMO से जानकारी मांगी तो पता चला कि कंचन का दिव्यांग प्रमाण-पत्र और पहले जारी फिटनेस प्रमाण–पत्र में बड़ा अंतर है. शिकायत होने पर दोबारा मेडिकल जांच कराई गई, जिसमें फर्जीवाड़ा सामने आया. इसी वजह से पिछले दो सालों में उन पर कई बार हमला हो चुका है, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की.
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पांच आरोपी गिरफ्तार, दो अपराधी पहले से लंबी हिस्ट्री वाले
हमले की शिकायत मिलने के बाद पुलिस हरकत में आई और पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. थानाधिकारी जितेंद्र फौजदार ने बताया कि मोहम्मद कैफ (21), सौरभ किराड़िया (22), मुकुल आनंद रावत (25), कमल किशोर लोहार (30) और ओमप्रकाश रावत (25) को पकड़ा गया है. सभी से पूछताछ की जा रही है.
पुलिस के अनुसार आरोपी मुकुल आनंद पर पहले से ही 10 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. कमल किशोर लोहार के खिलाफ भी कई गंभीर मामलों की एंट्री है. यह गिरोह पहले भी कई बार हमला कर चुका है, लेकिन यह पहला मौका है जब घटना कैमरे में रिकॉर्ड हुई है.
कोर्ट के बाहर पीछा किया गया, बाहर निकलते ही हुआ हमला
फनीस कुमार ने बताया कि 24 नवंबर की दोपहर ADJ कोर्ट में पेशी के दौरान उन्होंने विधायक के मैनेजर वीरेंद्र सिंह रावत को देखा. जैसे ही वे कोर्ट से निकले, उन्हें लगा कि कुछ गलत होने वाला है. करीब 3:30 बजे कोर्ट से बाहर निकलने पर मैनेजर ने कथित तौर पर कुछ लोगों को इशारा किया, जिसके बाद उनका पीछा किया गया.
फनीस साकेत नगर जाने के लिए निकले ही थे कि 8 ड्रीम्स बिल्डिंग के पास हमला हो गया. यह हमला पूरी तरह प्लान तरीके से किया गया था. पीड़ित का कहना है कि हमलावरों का उद्देश्य उन्हें डराना और शिकायतें वापस लेने का दबाव बनाना था.
फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र पर नौकरी पाने का पूरा आरोप
ब्यावर विधायक शंकर सिंह रावत की बेटी कंचन चौहान पर आरोप है कि उन्होंने RAS भर्ती के लिए 40% से अधिक विकलांगता का प्रमाण–पत्र लगाकर नौकरी हासिल की थी. जबकि बाद की मेडिकल जांच में पाया गया कि कंचन के एक कान की परेशानी केवल 8% विकलांगता के बराबर है.
3 सितंबर 2024 को जब SOG ने मेडिकल जांच के लिए बुलाया, तब वे नहीं पहुंचीं. बाद में 14 अक्टूबर को SMS मेडिकल बोर्ड की जांच में उनकी विकलांगता का दावा झूठा साबित हुआ. इसी मामले की शिकायत करने पर फनीस को लगातार धमकियों और हमलों का सामना करना पड़ा है.
दो साल से शिकायतें कर रहा हूं, हर बार प्लान करके हमला किया गया
पीड़ित फनीस ने बताया कि इस मामले में वे पिछले दो सालों से शिकायत कर रहे हैं, लेकिन हर बार सुनसान जगह पर हमला होने के कारण पुलिस कार्रवाई से बचती रही. उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है जब पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हुई है और अब पुलिस भी जांच में गंभीर हुई है.
उन्होंने यह भी आशंका जताई कि अवैध कब्जों और अन्य मामलों की शिकायतें करने की वजह से भी उन्हें निशाना बनाया गया है. इस मामले में ब्यावर विधायक से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.
हिमांशु शर्मा