जिस आरोपी को महिला टीचर ने जमानत दिलाई, उसी ने उतारा मौत के घाट, 5 महीने बाद हुआ गिरफ्तार

राजस्थान के बांसवाड़ा में महिला टीचर की हत्या करने वाला आरोपी महिपाल को पांच महीने बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी ने 1 जुलाई 2025 को बस स्टैंड पर तलवार से लीला की दिनदहाड़े हत्या की थी. पहले भी हमला कर जेल गया था, लेकिन लीला ने ही उसकी जमानत कराई थी.

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आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग.(Photo: Screengrab) आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग.(Photo: Screengrab)

राजेश सोनी

  • बांसवाड़ा,
  • 03 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:49 PM IST

राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में शिक्षिका लीला ताबियार की दिनदहाड़े हुई हत्या मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है. 1 जुलाई 2025 को कलिंजरा थाना कस्बा मुख्यालय स्थित बस स्टैंड पर आरोपी महिपाल ने तलवार से हमला कर लीला की हत्या कर दी थी. घटना सुबह करीब 10 बजे हुई, जब लीला बस का इंतजार कर रही थीं. वारदात के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया था और लंबे समय तक पुलिस से बचता रहा.

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पांच महीने तक लगातार लोकेशन बदलते हुए छिपने के बाद आरोपी आखिरकार उदयपुर पुलिस के हत्थे चढ़ गया. गिरफ्तारी के बाद उसे बांसवाड़ा लाया गया, जहां जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने पूरे मामले का खुलासा किया. एसपी ने बताया, महिपाल विदेश भागने की फिराक में था. 

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लोकेशन बदलता रहा आरोपी, विदेश भागने की कोशिश में था

एसपी के अनुसार, महिपाल बेहद शातिर प्रवृत्ति का आरोपी था. पुलिस जब भी उसकी लोकेशन ट्रैक करती, वह तुरंत उसे बदल देता था. अपनी पहचान छिपाने के लिए वह कभी ट्रक ड्राइविंग करता, तो कभी ढाबों पर काम करता था. पुलिस को शक है कि वह विदेश भागने की तैयारी में भी था.

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जांच में सामने आया कि आरोपी का शिक्षिका लीला से एकतरफा प्रेम संबंध था, जिसमें लीला भी पहले उसके संपर्क में थी. इससे पहले भी महिपाल ने लीला पर तलवार से हमला किया था, जिसमें उसकी उंगलियां कट गई थीं. उस मामले में आरोपी जेल गया था, लेकिन बाद में लीला ने ही उसकी जमानत कराकर उसे छुड़वाया था. कुछ समय शांत रहने के बाद आरोपी ने फिर वही खौफनाक वारदात को अंजाम दिया.

'परिजनों ने कहा– हमें फांसी की सजा ही न्याय लगेगा'

आज तक की टीम ने मृतका लीला ताबियार के घर जाकर परिवार से बातचीत की. घटना के महीनों बाद भी घर का माहौल गम और सदमे से भरा हुआ है. लीला की मां ने रोते हुए कहा, आरोपी को फांसी की सजा हो जाए तो ही हमें शांति मिलेगी. उसे पकड़ा जरूर गया है, लेकिन जब तक फांसी नहीं होगी, हमारा दर्द कम नहीं होगा.

लीला के छोटे भाई श्रवण ताबियार का कहना है कि बहन के जाने के बाद उनका परिवार बिल्कुल बिखर गया है.  पिताजी का पहले ही निधन हो चुका है, बहन ही हमारा सहारा थी. उसकी मौत से हमारा गुजारा ही मुश्किल हो गया है. अगर आरोपी 15–20 साल जेल में रहकर बाहर आया तो हम सबकी जान को खतरा रहेगा. इसलिए वह फांसी पाए, यही सबसे अच्छा होगा.

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'बहन ने जिसको जमानत दिलाई, उसी ने मार डाला'

लीला के बड़े भाई ने कहा कि वह आज तक यकीन नहीं कर पा रहे कि जिस व्यक्ति को बहन ने जेल से छुड़ाया, उसी ने तलवार से उसकी जान ले ली. यह सोचकर भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं. हमारी आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई है. बहन ही परिवार की जिम्मेदारी उठा रही थी. हम पुलिस से न्याय की गुहार लगा रहे हैं.

परिवार के लोग लीला की तस्वीर के पास बैठे रोते हुए नजर आए. उनका कहना है कि परिवार का एक सदस्य चला गया और उनके हाथ कुछ नहीं रहा. परिजन लगातार मांग कर रहे हैं कि आरोपी महिपाल को कड़ी से कड़ी सजा मिले, ताकि समाज में ऐसा अपराध दोबारा न हो.

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