राजस्थान में मादक पदार्थों की तस्करी पर शिकंजा कसते हुए एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) और प्रतापगढ़ पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर 785 किलो अफीम डोडा चूरा से भरा एक कंटेनर ट्रक जब्त किया है. इसकी अनुमानित कीमत 1.18 करोड़ रुपये बताई गई है. यह ट्रक प्रतापगढ़ से जोधपुर की ओर जा रहा था और रविवार देर रात छोटीसादड़ी थाना क्षेत्र में पुलिस नाकाबंदी के दौरान पकड़ा गया.
गिरफ्तार हुआ तस्कर रामलाल जाट, कमल राणा गैंग से संबंध
पुलिस के मुताबिक, कार्रवाई के दौरान पुलिस ने ट्रक चालक रामलाल जाट (40), निवासी मावली, जिला उदयपुर को गिरफ्तार किया. जांच में सामने आया कि यह तस्कर जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर कमल राणा गैंग से जुड़ा है. गैंग लंबे समय से राजस्थान और मध्यप्रदेश की सीमा पर मादक पदार्थों की तस्करी कर रहा है.
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फर्जी बिल-बिल्टी और जूट की बोरियों में छुपाई थी अफीम
जांच में सामने आया कि ट्रक पर "डाक पार्सल" लिखा हुआ था, जिससे शक कम हो सके. ट्रक में जूट की खाली बोरियों के 40 बंडल रखे गए थे, जिनके पीछे 39 प्लास्टिक के कट्टों में कुल 785 किलो अफीम डोडा चूरा छुपाया गया था. पुलिस ने जब कंटेनर को रुकवाया तो चालक ने भागने की कोशिश की, लेकिन उसे तुरंत पकड़ लिया गया.
मोबाइल सिम के साथ तस्करी का नेटवर्क
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि यह कंटेनर उसे मनोज जाट निवासी चित्तौड़गढ़ ने फतेहनगर से उपलब्ध कराया था. अम्बावली गांव के पास सुनसान इलाके में सुनिल मीणा और उसके साथियों ने अफीम डोडा चूरा कंटेनर में भरा. यह सामग्री जोधपुर के बाहर "मामा" उर्फ सुनिल नामक व्यक्ति को पहुंचाई जानी थी. तस्करी के दौरान आरोपी को मोबाइल और सिम भी विशेष रूप से दी गई थी ताकि ट्रेस न हो सके.
कमल राणा गैंग का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड
कमल राणा गैंग के यह दोनों सदस्य रामलाल और मनोज पहले भी मादक पदार्थ तस्करी के मामलों में जेल जा चुके हैं. 2022 में केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो द्वारा 24 क्विंटल अफीम डोडा चूरा जब्त किया गया था, जिसमें ये दोनों आरोपी शामिल थे. हाल ही में दोनों को जमानत मिली थी और बाहर आते ही इन्होंने फिर से तस्करी शुरू कर दी.
इनामी तस्कर सुनील मीणा अभी फरार
इस केस में शामिल एक और आरोपी सुनील मीणा, निवासी गेमरपुरा, जिला नीमच (म.प्र.) की तलाश की जा रही है. यह तस्कर पुलिस पर फायरिंग और एनडीपीएस मामलों में वांछित है. राजस्थान पुलिस ने जनवरी 2025 में इस पर ₹1 लाख का इनाम घोषित किया था. सुनील मीणा कमल राणा गैंग का सक्रिय सदस्य है और हमेशा अवैध हथियार लेकर चलता है.
एडीजी दिनेश एमएन की रणनीति और सतर्क निगरानी का असर
एजीटीएफ के एडीजी दिनेश एमएन द्वारा सीमावर्ती जिलों में मादक पदार्थ तस्करों पर निगरानी रखने और उनके नेटवर्क को ध्वस्त करने के निर्देश दिए गए थे. उसी रणनीति के तहत डीआईजी योगेश यादव और एएसपी आशाराम चौधरी के नेतृत्व में लगातार आसूचना संकलन किया गया, जिसके परिणामस्वरूप यह बड़ी कार्रवाई संभव हो सकी.
शरत कुमार