किसान और केंद्र सरकार की मीटिंग से जैसी उम्मीद थी, उसका नतीजा वैसा ही आया. मीटिंग से पहले किसान संगठनों की तरफ से सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया था, वहीं सरकार अपने प्रस्ताव पर अंगद की तरह पैर जमाकर बैठ गई थी. शुक्रवार को जब किसान बातचीत की टेबल पर बैठे तो उनके पास केंद्र सरकार का दिया हुआ ऑफर था, 18 महीने के लिए कानून को सस्पेंड करने का, लेकिन बैठक शुरू होने के बाद आगे का रास्ता ब्लॉक हो गया. देखें स्पेशल रिपोर्ट और समझें आज की मीटिंग की पांच बड़ी बातें.